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Jabalpur News: नर्मदा का जल वैसे भी "ए क्लास' अब पाॅल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट ने भी इस पर लगाई मुहर

- बीओडी 2 मिलीग्राम से कम, बहते जल का यह स्तर सबसे बेहतर, बरगी बांध से पानी छोड़ने से सतत बहाव
- एक्सपर्ट के अनुसार नर्मदा जल का बीओडी यानी बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमाण्ड प्रति लीटर दो मिलीग्राम से कम है।
Jabalpur News: नर्मदा का जल वैसे भी ए क्लास का है, अब इसमें पाॅल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड वाॅटर की जो रियल टाइम माॅनिटरिंग है उसकी रिपोर्ट से मुहर लग गई है, जिसमें जिलहरी से लेकर उमाघाट और ग्वारीघाट तक नर्मदा का पानी ए कैटेगरी सामने आया है। बीते दो सालों से नर्मदा जल जबलपुर के घाटों में ए कैटेगरी का बना हुआ है। बहता जल केवल प्राथमिक उपचार के बाद ही पीने लायक हो जाता है।
एक्सपर्ट के अनुसार नर्मदा जल का बीओडी यानी बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमाण्ड प्रति लीटर दो मिलीग्राम से कम है। किसी भी नदी के बहते जल में बीओडी का यह स्तर आना अच्छा संकेत माना जाता है। जैसे ही नर्मदा बरमान घाट से आगे बढ़ती है तो बहाव कम होने की दशा में जल की कैटेगरी बी में बदल जाती है।
बी कैटेगरी का मतलब बीओडी दो से ज्यादा होना है। पाॅल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी आलोक जैन कहते हैं कि जबलपुर के आसपास की सीमा में हर जगह नर्मदा का जल ए कैटेगरी का है। इसकी क्वालिटी काे बेहतर बनाये रखने के लिए लोगों को और जागरूक होने की जरूरत है।
सतत बहाव से मिलता है फायदा
बरगी बांध से पाॅवर जनरेशन के बाद जो पानी नर्मदा में छोड़ा जाता है उससे जल की मात्रा बढ़ती है, साथ ही बहाव भी बेहतर होता है। इन हालातों में वाॅटर में केमिकल आॅक्सीजन डिमाण्ड बैलेंस होती है जिससे जल की गुणवत्ता बेहतर हो जाती है। सामान्य हालातों में दोनों टरबाइन के चलने पर नर्मदा में 175 क्यूमेक यानी घनमीटर प्रति सेकेण्ड की रफ्तार से पानी बांध से छोड़ा जाता है। इससे हर घाट में जलस्तर बढ़ता है।
यहां पर पानी बी कैटेगरी का
बरमान से आगे प्रमुख घाटों में बुधनी, नर्मदापुरम, ओंकारेश्वर, महेश्वर इन सभी जगहों पर नर्मदा का जल बी कैटेगरी में दर्ज हो रहा है। यहां पर बीओडी बढ़ा हुआ ही आ रहा है। इन घाटों पर भी रियल टाइम वॉटर माॅनिटरिंग स्टेशन में आंकड़े दर्ज हो रहे हैं जो बताते हैं कि जल बी कैटेगरी का है।
जल को क्लीन बनाने में इनकी भी भूमिका
एक्सपर्ट के अनुसार नर्मदा के उस पार वाले हिस्से में मानवीय हस्तक्षेप कम है। पक्के घाट नहीं हैं और बरसाती नाले ज्यादा हैं वहां से क्लीन पानी नर्मदा में आता है। शहपुरा में सिंगली नदी, मण्डला में बंजर, नर्मदा में उस हिस्से से टेमर जैसी एकदम छोटी नदियां कुछ बरसाती नालों के साथ नर्मदा में स्वच्छ जल लाती हैं।
जल की ए और बी कैटेगरी कैसे
नदी जल में बीओडी 2 मिलीग्राम से कम तो ए कैटेगरी
बीओडी 2 से अधिक तो जल बी कैटेगरी का होता है
अत्यधिक प्रदूषित होने पर यह कैटेगरी बढ़ जाती है
ज्यादा प्रदूषित नदी में बीओडी 2 से 8 मिलीग्राम तक होता है
बीओडी का उच्चमान कार्बनिक प्रदूषण का संकेत होता है
किस-किस बिंदु पर माॅनिटरिंग
बीओडी { बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमाण्ड
सीओडी { केमिकल ऑक्सीजन डिमाण्ड
एसएसबी { डिसाल्व साॅलिड सबस्टेंस
पीएच { पानी की अम्लीय क्षारीय प्रकृति
Created On :   18 April 2025 1:42 PM IST