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अंतत: नागपुर यूनिवर्सिटी को स्थगित करनी पड़ी सीनेट सभा, फैसले का विरोध
डिजिटल डेस्क,नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की 24 अक्टूबर को आयोजित सीनेट सभा कुछ ही देर में स्थगित करनी पड़ी। भारी विरोध के बीच 24 अक्टूबर को ही सभा लेने का ठान चुके कुलगुरु डॉ.सिद्धार्थविनायक काणे ने तय समय पर सभा शुरु तो की, लेकिन बैठक में अधिकांश सदस्य अनुपस्थित थे। बैठक में मौजूद वरिष्ठ सदस्य डॉ.बबनराव तायवाडे ने यूनिवर्सिटी द्वारा मतगणना के बीच सीनेट लेने के फैसले की अलोचना की। अन्य सदस्य डॉ.अजीत जाचक ने भी उनका समर्थन किया।
बैठक में उपस्थित अधिकांश सदस्यों ने बैठक स्थगित करने की मांग की। बहुमत को देखते हुए कुलगुरु ने भी बैठक स्थगित कर दी। अब बैठक 1 नवंबर को रखी गई है। 24 अक्टूबर की बैठक के पूर्व सीनेट सदस्यों ने कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थ विनायक काणे को पत्र और ई-मेल भेज कर 24 अक्टूबर की सभा स्थगित करने की मांग की थी। दरअसल, यूनिवर्सिटी के कई सीनेट सदस्य किसी न किसी राजनीतिक दल के समर्थक हैं। चुनाव में वे प्रचार और अन्य कामों में सक्रीय भूमिका निभा रहे थे। ऐसे में नतीजे के दिन ही बैठक रखने से कई सदस्य इसमें शामिल नहीं हो पाने की पूरी संभावना थी। इससे कई जरूरी मुद्दे बिना चर्चा रह जाने की बात भी उठाई जा रही थी। ।लेकिन कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थ विनायक काणे ने राज्यपाल की अनुमति के कारण ही 24 को सीनेट की बैठक रखने का तर्क दिया था। लेकिन 24 अक्टूबर को यह बैठक नहीं हो पाई।
गौतलतलब है कि यूनिवर्सिटी में पिछले काफी समय से एक के बाद एक चूक व विविध कारणों के चलते विवाद गहराया हुआ है। गत दिनों एग्जाम के दिन पेपर ही नहीं छपने जैसी घोर लापरवाही भी सामने आई। पश्चात एक ही तिथि को एग्जाम लिए गए। इसी तरह दीक्षांत समारोह के दौरान भी कई बड़ी भूल हुई। एक के बाद एक गलतियों का खामियाजा स्टूडेंट्स को भुगतने की स्थिति आने से वैसे भी यूनिवर्सिटी के कामकाज को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
Created On :   25 Oct 2019 1:49 PM GMT