प्रायवेट स्कूलों की मनमानी, परीक्षा के बाद रोज लगी रही कक्षाएं बच्चे-अिभभावक परेशान

डिजिटल डेस्क, भोपाल। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने निर्देश जारी कर समस्त शासकीय एवं निजी विद्यालयों को 1 अप्रैल 2023 के पूर्व स्कूल संचालित करने से मना कर दिया है। बावजूद इसके कई विद्यालय उसके आदेश को मानने को तैयार नही हैं तथा अपनी मनमर्जी से कार्य कर रहे हैं। राजधानी भोपाल में ही ऐसे कई विद्यालय हैं विशेषकर, मिशनरी द्वारा संचालित विद्यालय जो सीबीएसई के आदेश की अवहेलना करते हुये स्वयं के द्वारा बनाये गये टाईम टेबल के आधार पर विद्यालय का संचालन कर रहे है।
प्रायवेट स्कूलों की मनमानी, परीक्षा के बाद रोज लगी रही कक्षाएं बच्चे-अिभभावक परेशान - दैनिक भास्कर हिंदी#mpnews #education #privateschool #CBSE @cbseindia29 @ChouhanShivraj #MadhyaPradesh #bhopalnews #mpbreakingnews pic.twitter.com/xWNKYa6F3p
— Dainik Bhaskar Hindi (@DBhaskarHindi) March 27, 2023
इससे बच्चों को परीक्षा के बाद आराम करने का समय नहीं मिल पा रहा है। इससे अभिभावक भी परेशान हैं। अभिभावकों का कहना है कि परीक्षा के बाद उन्हें स्कूल से किताबों की सूची थमा दी गई है। ऐसे में बच्चों को भी आराम नहीं मिल रहा है। जल्दबाजी में बच्चों के लिए किताबें खरीदनी पड़ रही हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार राजधानी के कई निजी स्कूल है, जो कि सीबीएसई के नियम के विपरीत कक्षाएं संचालित कर रहे है। यह स्कूल केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के नियमों की धज्जिया उड़ाई रहे हैं।
गौरतलब है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने एक आदेश जारी कर सीबीएसई स्कूलों को एक अप्रैल के बाद से ही नया सत्र शुरू करने के आदेश जारी किए हैं। अब राजधानी के सभी सीबीएसई स्कूल तीन अप्रैल से खोले जाएंगे। बोर्ड का मानना है कि मार्च में स्कूल खोलने से बच्चों को परीक्षा के बाद आराम करने का समय नहीं मिल पाता है। आदेश मिलने के बाद राजधानी में जो स्कूल 15 मार्च से शुरू किए थे, उन्होंने भी अभिभावकों को स्कूल बंद करने और तीन अप्रैल से शुरू करने का संदेश भेजा गया हैं। सर्कुलर में कहा गया है, बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और संस्थानों के प्रमुखों को सलाह दी जाती है कि वे प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल से पहले शैक्षणिक सत्र शुरू करने से बचें और 1 अप्रैल से 31 मार्च तक शैक्षणिक सत्र का सख्ती से पालन करें।
Created On :   27 March 2023 7:28 PM IST