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ऋण माफी के बाद भी प्रबंधक नहीं दे रहे खाद-बीज, किसानों ने की शिकायत
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जनसुनवाई में आए आवेदन ने मंगलवार को सरकार द्वारा की गई ऋण माफी की कलई खोलकर रखी दी। हर्रई विकासखंड के धनौरा से आए किसानों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि शासन द्वारा ऋण माफी करने के बाद भी समिति संचालक उन्हें खाद-बीज देने के लिए तैयार नहीं है। पुराना कर्जा पटाने की बात कहकर संचालक द्वारा उन्हें भगा दिया जाता है। धनौरा में ऐसे एक-दो नहीं बल्कि दर्जनों किसान है। जिनके साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। किसानों ने बताया कि वे सेवा सहकारी समिति संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग लेकर आए। इन ग्रामीणों का कहना है कि अब बोवनी का समय है। ऐन समय पर प्रबंधक द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा है। शिकायत करने आए किसानों के हाथ में ऋण माफी के दस्तावेज भी मौजूद थे। मंगलवार को कलेक्टर डॉ. श्रीनिवास शर्मा द्वारा 170 आवेदनों पर सुनवाई की गई।
ये आवेदन भी आए
- ग्राम राजेगांव के रंगदेव सोनी ने ऋण पुस्तिका प्रदान करने, चंदनगांव छिन्दवाड़ा की श्रीमती देवकी ने अनुकंपा नियुक्ति प्रदाय करने की मांग की।
- ग्राम अमरवाड़ा के डोरीलाल मेहरा ने भावांतर की राशि का भुगतान करने,
ग्राम पालादौन चौरई की श्रीमती अमरवती वर्मा ने विधवा पेंशन दिलाने के लिए आवेदन दिया।
- सोनाखार नगर के वार्ड नंबर-22 के संतोष घुले ने बी.पी.एल. कार्ड होने
पर भी राशन नहीं मिलने आदि से संबंधित आवेदन पत्र आज जनसुनवाई के दौरान दिए।
बिजली: ट्रिपिंग, कटौती और मिस मैनेजमेंट बनी परेशानी
बिजली की आंखमिचौली ने आम लोगों का चैन छीन लिया। अफसरों से लेकर नेता तक सरप्लस बिजली का दावा कर रहे हैं, लेकिन अधिकारियों के दावों की हकीकत खुद जनता खोल रही है। हालात ये हैं कि कभी भी बिजली गुल हो जाती है। भीषण गर्मी में बने इन हालातों की वजह से जनता के विरोध का सामना जनप्रतिनिधियों को करना पड़ रहा है। अफसरों ने हाल ही में मेंटेनेंस के नाम पर बिजली गुल रखी, लेकिन पहली बारिश में ही इस मेंटेनेंस की कलई खुल गई। शहर सहित जिले के कई स्थानों पर घंटों बिजली गुल रही। अफसर इसे ट्रिपिंग बताते रहें, लेकिन हकीकत में अधिकारियों के मिस मैनेजमेंट के चक्कर में जनता को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
Created On :   12 Jun 2019 2:41 PM IST