बार-बार परीक्षा तिथि बदलने पर भड़के जूनियर डॉक्टर्स, जनरल प्रमोशन की माँग

बार-बार परीक्षा तिथि बदलने पर भड़के जूनियर डॉक्टर्स, जनरल प्रमोशन की माँग

 


डिजिटल डेस्क जबलपुर। पीजी डिग्री मेडिकल फैकल्टी और पीजी डिप्लोमा मेडिकल फैकल्टी की परीक्षाओं की तिथि बार-बार आगे बढ़ाए जाने पर जूनियर डॉक्टर्स ने मेडिकल यूनिवर्सिटी में जमकर हंगामा किया। एग्जाम न होने पर भड़के जूनियर डॉक्टर्स ने एमयू पहुँचकर नई निर्धारित तिथि पर एग्जाम कराने की माँग की और अगर एग्जाम नहीं होते तो जनरल प्रमोशन देने की बात कही। दरअसल चार माह में यह पाँचवीं बार है, जब वर्ष 2018-19 बैच की एमडी/एमएस की परीक्षाओं को आगे बढ़ाया गया हो। यूनिवर्सिटी द्वारा पीजी की परीक्षाएँ मई में कराई जानी थीं, लेकिन कोविड की दूसरी लहर के चलते परीक्षाएँ स्थगित कर नई समय सारणी जारी कर दी गई, हालाँकि कोविड संक्रमण के कम होने के बाद भी अब तक परीक्षाएँ नहीं हो सकी हैं। नए टाइम टेबल के अनुसार पीजी की परीक्षाएँ सोमवार से होनी थीं, लेकिन 24 जुलाई को नया टाइम टेबल घोषित कर दिया गया, जिसके अनुसार परीक्षाएँ अब 3 अगस्त से होनी है। जूनियर डॉक्टर नई समय सारणी के मुताबिक एग्जाम कराने की माँग को लेकर एमयू पहुँचे थे, लेकिन अधिकारियों से नई तिथि पर भी एग्जाम होने की कन्फर्मेशन न मिलने पर उनका गुस्सा फूट पड़ा।
जवाब नहीं मिला, कुलपति के न होने पर भी हुए नाराज-
जूनियर डॉक्टर्स अपनी माँगों को लेकर एमयू के गेट पर ही धरने पर बैठ गए और कुलपति को बातचीत करने के लिए बाहर बुलाने की माँग रखी, लेकिन कुलपति के भोपाल में होने की जानकारी मिलने के बाद जूडॉ ने जमकर नाराजगी जताई और कहा कि सप्ताह के पहले दिन भी कुलपति विवि में नहीं हैं, इस बात से ही विवि के प्रति उनका रवैया स्पष्ट हो रहा है। इधर कुलपति के न मिलने पर कुलसचिव डॉ. प्रभात बुधौलिया और परीक्षा नियंत्रक वृंदा सक्सेना पहुँचे तो जूडॉ ने नई तिथि के अनुसार एग्जाम सुनिश्चित करने की बात कही, जिस पर अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके और यह कह दिया कि अभी कन्फर्म नहीं है, जिसके बाद जूडॉ ने अगले महीने परीक्षा न करा पाने की स्थिति में पीजी डिग्री-डिप्लोमा के छात्र-छात्राओं को जनरल प्रमोशन देने की माँग की। छात्रों ने कुलसचिव को शिकायत सौंपी।
प्रदेश भर में छात्र परेशान-
मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज सिंह, उपाध्यक्ष प्रदीप पटेल व अंशुल चावला का कहना है कि मार्च से लेकर जुलाई के बीच 6 बार परीक्षा की तिथियाँ घोषित हो चुकी हैं, लेकिन तैयारी करने के बाद बार-बार तिथि आगे बढ़ा दी जाती है। प्रदेश भर के पीजी छात्र परेशान हैं। एग्जाम न होने के चलते छात्र कैरियर में आगे नौकरी, प्रैक्टिस और पढ़ाई के अवसरों से वंचित हो रहे हैं। अगर इस मामले में एमयू जल्द कोई निर्णय नहीं लेता तो इसकी शिकायत राज्यपाल और मुख्यमंत्री से की जाएगी।
इसलिए नहीं हो पा रहे एग्जाम-
प्राइवेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी माइंडलॉजिक्स इन्फ्राटेक को टर्मिनेट करने के बाद मेडिकल यूनिवर्सिटी ने अब तक नई कंपनी से अनुबंध नहीं किया है। एमयू में परीक्षाएँ कराने से लेकर परिणाम जारी करने तक सभी कामों का जिम्मा निजी ठेका कंपनी के ऊपर था। नया अनुबंध न होने कारण छात्रों का भविष्य अधर में पड़ गया है।  

 

Created On :   26 July 2021 11:30 PM IST

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