महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश जा रहा परसवाड़ा के घानी का गुड़
डिजिटल डेस्क, तुमसर (भंडारा). केवल खेती पर निर्भर न रहते हुए गन्ने का उच्च दर्जे का गुड़ तैयार कर उसे संपूर्ण महाराष्ट्र सहित छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश में बेचने का कार्य तुमसर का गौपाले परिवार कर रहा है। अब मकरसंक्राति के चलते गुड़ की मांग बढ़ी है, लेकिन गुड़ बनाने का यह कार्य दो माह पहले नवंबर में शुरू हो चुका था। परसवाड़ा ग्राम के गुलाबचंद नारायण गौपाले (55) अपने परिवार के चार सदस्यों व स्थानीय महिला मजदूरों के साथ गुड़ बनाकर इसे अलग-अलग स्थानों पर निर्यात करते हैं। तुमसर तहसील के परसवाड़ा ग्राम में गुलाबचंद नारायण गौपाले (55) गत 20 वर्षों से गुड़ बनाने का काम कर रहा है। स्थानीय किसानों से गुड़ खरीदी कर घानी में एक दिन एक टन गन्ना डालता है और उससे लगभग 120 किलो गुड़ तैयार करते हैं। यह सिलसिला दो दशकों से चल रहा है। मकरसंक्रांति के मौके पर बाजार में गुड़ की मांग बढ़ जाती है। यह मांग मार्च माह तक बनी रहती है। इसलिए गौपाले परिवार अपने पांच से छह महिला मजदूरों के साथ नवंबर से लेकर मार्च तक गुड़ बनाता है। घानी का बना ताजा गुड़ थोक में भी बेचा जाता है। महाराष्ट्र के अनेक शहरों सहित मध्यप्रदेश, छत्तीगढ़ में गुड़ का निर्यात होता है। गुलाबचंद गौपाले ने बताया कि, तुमसर के कृषि उपज मंडी में भाव मिला तो वहां पर भी नीलामी के आधार पर बिक्री होती है। कोरोना के चलते बीते दो वर्ष बाजार सुस्त रहा। वर्ष 2022 में 28 से 30 रुपए प्रति किलो गुड़ का भाव रहा। इससे उस समय मुनाफा कम हुआ, लेकिन इस वर्ष भाव 32 से 35 रुपए प्रति किलो है। जिसके चलते सभी खर्च जाकर पांच लाख रुपए मुनाफा होने की उम्मीद है। गुड़ घानी के माध्यम से स्थानीय कई किसानों को गन्ना बेचना आसान हुआ है। किसान घानी पर दो हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव से गन्ना बेच सकते हैं। पारंपरिक खेती पर ही निर्भर रहने की बजाय गौपाले परिवार परिश्रम के दम पर अलग दिशा में सफलता की राह तय कर रहा है।
Created On :   13 Jan 2023 3:43 PM GMT