3 माह में दो बार भरने पड़े आयकर रिटर्न, मनमाफिक फीस देने हुए विवश
डिजिटल डेस्क,शहडोल। शिक्षकों के आयकर रिटर्न फार्म 12 सी की प्रक्रिया व्यक्ति विशेष से पूरी कराने संबंधी सोहागपुर बीईओ का फरमान शिक्षकों के लिए परेशानी का कारण बन चुका है। परेशानी का कारण यह कि विकासखंड शिक्षाधिकारी एसपीएस चंदेल द्वारा 7 दिसंबर को जारी लिखित आदेश में अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से वर्ष 2022-23 का आयकर रिटर्न फार्म 12 सी जमा करने लिए समय सीमा 25 दिसंबर 2022 तय की गई थी। आदेश में लिखा था कि आयकर सलाहकार अवधेश अवस्थी के कार्यालय में जाकर परीक्षण उपरांत जमा कराएं। विरोध के बाद दूसरे पत्र में समय सीमा 15 जनवरी 2023 कर दी गई। जानकारी के अनुसार सभी संकुलों के फार्म जमा भी हो गए। इसके बाद मप्र शासन वित्त विभाग द्वारा 27 जनवरी को आदेश जारी कर कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी गई।
इससे कर्मचारियों की आय भी बढ़ गई। शिक्षकों का कहना है कि समय पूर्व ही आयकर रिटर्न जमा करा लिए जाने के बाद पूर्व में भरे गए फार्म बेकार हो चुके हैं। नियमत: फरवरी माह के वेतन के बाद 31 मार्च तक ही आयकर टैक्स जमा करना होना चाहिए, लेकिन अब उन्हें दो तरफा नुकसान उठाना पड़ा। जानकारी यहां तक मिली है कि बीईओ द्वारा अधिकृत किए गए आयकर सलाहकार को 2 से 3 हजार रुपए तक की फीस अदा किए गए हैं। शिक्षकर्मी वर्ग को एरियर्स का भुगतान 3 किश्तों में हुआ, जो 60-70 हजार थे। इनकम टैक्स बचाने 10 ई फार्म भरने शिक्षकों ने फीस अदा किया है। गौरतलब है कि आयकर सलाहकार की नियुक्ति के बाद बीईओ ने सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग से 2.50 लाख रुपए बतौर पारश्रमिक भुगतान संबंधी पत्र लिखा था। जिन्हें सलाहकार बनाया गया उनकी योग्यता पर भी सवाल उठाए गए हैं। शिक्षकों ने कहा कि यदि सलाहकार ही नियुक्त करना था तो निविदा विज्ञप्ति प्रकाशन के बाद सीए अथवा इनकम टैक्स वकील की सेवाएं ली जानी चाहिए थीं।
-आयकर सलाहकार के लिए पत्र जरूर आया है लेकिन एक पैसा भुगतान नहीं किया गया है। बीईओ के आदेश से शिक्षकों की परेशानी है तो भविष्य में ऐसा न करने निर्देश दिए जाएंगे।
आनंद राय सिन्हा
सहायक आयुक्त ट्रायबल
Created On :   23 Feb 2023 9:52 AM GMT