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कैसे लगेंगे 3 महीने में 33 करोड़ पौधे, सवा चार करोड़ गड्ढे अभी तक नहीं बने
डिजिटल डेस्क, नागपुर। ग्रीन महाराष्ट्र के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए राज्य में 50 करोड़ पौधे लगाए जाने के लिए वन विभाग की ओर से महत्वाकांक्षी योजना पर पिछले तीन वर्ष से काम जारी है। मुहिम के अंतिम चरण में वर्ष 2019 में राज्य में 33 करोड़ पौधे लगाए जाने हैं। इसके लिए राज्य भर में तैयारी अंतिम चरण में है। हालांकि 33 करोड़ पौधारोपण के लिए राज्य भर में 23 जून तक 28.83 करोड़ गड्ढे तैयार किए जा पाए हैं। कई विभाग लक्ष्य की तुलना में तैयारी में पीछे रह गए हैं। इतने बड़े स्तर पर पौधारोपण को लेकर पहले ही सवालों में रही योजना को विशेषज्ञ तीन माह में 33 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य तय करने को लेकर गंभीरता से विचार नहीं करने की बात उठा रहे हैं।
विशेषज्ञों ने कहा-देखभाल आसान नहीं
हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार इतने बड़े स्तर पर पौधारोपण और उनकी देखभाल आसान नहीं है। उन्होंने वन विभाग के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले तीनों चरणों में पौधा के बचे रहने के दावे अक्टूबर माह में हुई गणना के अनुसार की गई है, उस समय बारिश और बेहतर मौसम के कारण पौधे ठीक स्थिति में रहते हैं। इसके साथ ही इसमें अन्य एजेंसियों की ओर से किए गए पौधारोपण के आकड़े शामिल नहीं है। कई एजेंसियां तीनों ही चरण में पौधारोपण ही नहीं, लगाए गए पौधों को बचाए रखने में भी असफल रही हैं। उनके पास वन विभाग की तर्ज पर पौधों की सुरक्षा की कोई योजना नहीं है। उदाहरण के लिए जन निर्माण विभाग को वर्ष 2018 में 18.62 लाख का लक्ष्य दिया गया था, जबकि विभाग ने केवल 15.42 लाख पौधे ही लगाए। अक्टूबर में हुए आकलन में विभाग की ओर से लगाए गए पौधों में केवल 52 फीसदी ही जीवित पाए गए। इसी तरह अन्य एजेंसियां भी लक्ष्य प्राप्त करने और पौधों को जीवित रखने में पीछे रह गईं। इन आकड़ों के आधार समझा जा सकता है कि तीसरे चरण में लगाए गए पौधों में जीवित रहने की दर औसतन कितना रह सकता है। 33 करोड़ में 20.75 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य वन विभाग के इतर विभागों के जिम्मे है। इन विभागों का मुहिम के पूर्ववर्ती चरणों में भी प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा है।
इस चरण में विभागों का लक्ष्य
विभाग पौधों (करोड़ में)
वन विभाग - 12.25
सामाजिक वनीकरण - 5.50
अन्य विभाग - 6.25
एफडीसीएम - 1
ग्राम पंचायत - 8
स्थिति इस प्रकार हैं
33 करोड़ पौधारोपण के लिए राज्य भर में 23 जून तक 28.83 करोड़ गड्ढे तैयार किए गए हैं। जाहिर है वन विभाग समेत दूसरे विभाग भी पौधारोपण के लक्ष्य तय करने और उसके लिए गड्ढे तैयार करने के मामले में लक्ष्य से पीछे चल रहे हैं। शहर विकास विभाग को 44.63 लाख पौधे लगाने हैं लेकिन विभाग ने केवल 8.92 लाख गड्ढे ही तैयार करवाए हैं। जन निर्माण विभाग में आंकड़ा पौधारोपण के लिए 45.10 लाख है और गड्ढेे 28.50 बनाए गए हैं। यहां तक कि वन विभाग की ओर से 17.50 करोड़ पौधे लगाने के लिए 15.22 करोड़ गड्ढेे ही बनवाए गए हैं। वन विभाग के पूर्व अधिकारी के अनुसार पौधारोपण के लिए अब तक गड्ढेे तैयार हो जाने चाहिए थे। पौधों के जीवित रहने के लिए तैयार किए गए गड्ढे को कुछ समय पहले तैयार किया जाना जरूरी होता है। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि पौधों के बचने की संभावना कितनी रहेगी।
रिकॉर्ड बनाने के लिए अभियान
कई पर्यावरणविदों ने एक दिन में करोड़ों पेड़ लगाने की मुहिम को रिकार्ड दर्ज कराने की मुहिम बताते हैं। उनके अनुसार वर्ष 2016 में एक दिन में 2 करोड़ पौधारोपण पहले ही लिम्का बुक में दर्ज हो चुका है। उन्होंने तीन माह में 33 करोड़ पौधारोपण को भी अवास्तिविक बताते हुए कहा कि पौधारोपण हर तरह से स्वागत योग्य कदम है, लेकिन गंभीरता से योजना बनाकर ही लक्ष्य तय किए जाने चाहिए।
नागपुर में तैयारी
पंजीकृत साइट 8032
लक्ष्य 9839300
सिडलिंग 9106643
गड्ढे 69851989
लक्ष्य पूर्ति की उम्मीद 92.55%
वन विभाग की वेबसाइट के अनुसार
कई तरह के संशय सामने आते रहे हैं
इसके पहले वर्ष 2016 में 2.83 करोड़, वर्ष 2017 में 5.43 करोड़ और वर्ष 2018 में 15.88 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं। इस महत्वाकांक्षी योजना में लगाए गए पौधों के जीवित रहने को लेकर कई तरह के संशय सामने आते रहे हैं। विशेषज्ञ एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में पौधे लगाने और उनकी देखभाल को लेकर भी सवाल उठाते रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में लगाए गए पौधों के मामले में वन विभाग की ओर से 78 से 88 फीसदी तक पौधों के जीवित रहने का दावा किया गया है।
Created On :   25 Jun 2019 4:17 PM IST