भाजपा विधायक गिरीश गौतम के घर पर नोटिस चस्पा करने का आदेश 

High court order to paste notice at bjp mla girish gautam house
भाजपा विधायक गिरीश गौतम के घर पर नोटिस चस्पा करने का आदेश 
भाजपा विधायक गिरीश गौतम के घर पर नोटिस चस्पा करने का आदेश 

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने भाजपा विधायक गिरीश गौतम के घर पर नोटिस चस्पा करने का आदेश दिया है। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने यह आदेश विधायक द्वारा चुनाव याचिका का नोटिस लेने से आनाकानी किए जाने के बाद दिया है। मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को नियत की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से तर्क दिया कि भाजपा विधायक द्वारा नोटिस लेने में आनाकानी किए जाने से याचिका की सुनवाई में विलंब हो रहा है।
 

मॉक पोल में बड़ी संख्या में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट डाले गए

रीवा जिले की देवतालाब विधानसभा से पराजित बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी सीमा जयवीर सिंह की ओर से भाजपा विधायक गिरीश गौतम के निर्वाचन को चुनौती दी गई है। याचिका में आरोप लगाया है कि मतदान शुरू करने के पहले ईवीएम में मॉक पोल कराया गया। मॉक पोल में बड़ी संख्या में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट डाले गए। मॉक पोल के रिजल्ट को डिलिट किए बिना मतदान शुरू करा दिया गया। इसकी वजह से चुनाव में उनकी 1030 मतों से हार हो गई। याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करने के बाद एकल पीठ ने भाजपा विधायक गिरीश गौतम को जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन भाजपा विधायक द्वारा नोटिस लेने में आनाकानी की जा रही थी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विपिन यादव ने तर्क दिया कि भाजपा विधायक द्वारा नोटिस लेने में आनाकानी किए जाने से याचिका की सुनवाई में विलंब हो रहा है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने भाजपा विधायक गिरीश गौतम के घर पर नोटिस चस्पा करने का आदेश दिया है।

सुनवाई का अवसर दिए बगैर जारी जिलाबदर का आदेश निरस्त

हाईकोर्ट ने सुनवाई का अवसर दिए बगैर जारी किया गया जिलाबदर का आदेश निरस्त कर दिया है। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा कि सुनवाई का अवसर दिए बगैर जारी आदेश को बरकरार नहीं रखा जा सकता है। नरसिंहपुर के ठेमी थाना अंतर्गत निवासी भूपत विश्वकर्मा की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि कलेक्टर नरसिंहपुर ने 9 जुलाई 2018 को उसके खिलाफ जिलाबदर का आदेश जारी कर दिया। यह आदेश उसके खिलाफ दर्ज पुराने प्रकरणों के आधार पर जारी किया गया था। आदेश जारी करने के पहले उसे सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया। इस आदेश के खिलाफ संभागायुक्त जबलपुर के समक्ष अपील दायर की गई। संभागायुक्त ने 26 दिसंबर 2018 को उसकी अपील खारिज कर दी। अधिवक्ता ओमशंकर विनय पांडेय और रविन्द्र दत्त ने तर्क दिया कि प्राकृतिक न्याय के सिद्द्धांत के अनुसार याचिकाकर्ता को साक्षय और सुनवाई का पर्याप्त अवसर नहीं दिया गया। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने कलेक्टर और संभागायुक्त के आदेश को निरस्त कर दिया।
 

Created On :   19 July 2019 3:12 PM IST

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