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जनसंवाद विभाग का स्वर्ण महोत्सव : मीडिया जगत के धुरंधरों ने जर्नलिज्म कर रहे स्टूडेट्स को तराशा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज यूनिवर्सिटी के मास कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट में मीडिया जगत के धुरंधरों ने स्टूडेंट्स को न सिर्फ तराशा, बलकि उन्हें करियर के लिए बेहतर टिप्स भी दिए। ये मौका था, जनसंवाद विभाग के स्वर्ण महोत्सव का, जिसमें मौजूदा सत्र के अलावा यहां पढ़ चुके कई स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया। रविवार को स्टूडेंट्स ने डांस और नाट्य प्रस्तुति दी। जिसके बाद दो दिवसीय स्वर्ण महोत्सव का समापन हुआ। इससे पहले शनिवार को कार्यक्रम का आगाज हुआ था। डिपार्टमेंट से पत्रकारिता कर चुके कई पूर्व छात्र अब देशभर के कई बड़े मीडिया ग्रुप में सेवाएं दे रहे हैं। टीवी 9 जैसे कई मीडिया समूहों को खड़ा करने वाले बतौर चैनल हैड चंद्रमोहन पोपाला भी खास तौर से शामिल हुए, जिन्होंने स्टूडेंट्स से रूबरू होते हुए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के मौजूदा स्वरूप के बारे में जानकारी दी।


खुद को समय के साथ बदलो
पी.साईनाथ ने कहा कि, लंबे समय तक कार्य करना है तो खुद को समय के साथ बदले। अध्यक्षीय भाषण में डॉ. देशपांडे ने प्रसार माध्यमों के सामर्थ्य स्पष्ट करते हुए समय के साथ चलने की सलाह दी। ऐसे बदलाव के लिए विद्यापीठ सदैव तत्पर रहेगी। इससे पहले अतिथियों ने दीप प्रज्वलन किया। कार्यक्रम की प्रस्तावना डॉ. मोइज हक ने रखी। उन्होंने कहा कि, पत्रकारिता की पद्धति में तेजी से बदलाव हो रहा है। इस क्षेत्र में करियर में भी तेजी से बदलाव आ रहा है। इस बाबत जानकारी देने के उद्देश्य से जनसंवाद क्षेत्र में करियर के नए अवसर विषय पर परिषद का आयोजन किया गया है। अतिथियों का स्वागत मेघा रोकडे, माधुरी कुर्जेकर, ऋतुजा शेंडे ने किया। मुख्य अतिथि का परिचय गौरव लाखे ने दिया। प्रमाणपत्र वितरण का संचालन पूजा पराले ने किया। मुख्य कार्यक्रम का संचालन प्रा. स्निग्धा खटावर और आभार प्रदर्शन अमर अणे ने किया।

कभी आत्मा न बेचें
पत्रकारिता में करियर पर बोलते हुए पी. साईनाथ ने कहा कि, इस क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद पहले पांच वर्ष में आपका ध्येयवाद नष्ट होता है, लेकिन पत्रकारिता करते समय कभी आत्मा न बेचें। महात्मा गांधी, डॉ. बाबासाहब आंबेडकर, लोकमान्य तिलक के दैनिक का वितरण मर्यादित था। आज जैसे उनकी व्याप्ती नहीं थी। फिर भी उनका प्रभाव आज के माध्यमों से अधिक था। यह स्पष्ट करते हुए उन्होंने बताया कि, लोकमान्य तिलक को जब जेल हुई, तब मुंबई में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रक्षणार्थ लाखों की संख्या में बुनकर कामगार रास्ते पर उतरे थे। उस समय ज्यादातर लोग अशिक्षित थे, लेकिन उस समय की पत्रकारिता लोगों के दिलों के छूने वाली थी।

हाल के समय में प्रसार माध्यमों की मालकी बड़े व्यवसायिकों के हाथ में गई है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा मुनाफा प्राप्त करने के लिए एक व्यक्ति से अनेक काम कराने की शुरूआत हो गई है। पत्रकारिता के क्षेत्र में लंबे समय तक खुद को टिकाए रखना है, तो जनसंवाद के एक से अधिक कौशल्य विकसित करें। यह विचार वरिष्ठ पत्रकार पी. साईनाथ ने व्यक्त किए। जनसंवाद विभाग के स्वर्ण महोत्सव के उपलक्ष्य में ‘जनसंवाद क्षेत्र में नए अवसर’ विषय पर राष्ट्रीय परिषद का आयोजन शनिवार को विभाग के सभागृह में किया गया। इस अवसर पर वे बोल रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ के प्र-कुलगुरु डॉ. विनायक देशपांडे ने की। विभाग प्रमुख डॉ. मोइज मन्नान हक प्रमुखता से उपस्थित थे।

इस दौरान खास तौर से वरिष्ठ पत्रकार और दैनिक भास्कर नागपुर-जबलपुर ग्रुप के समूह संपादक प्रकाश दुबे भी मौजूद रहे। जिनका मार्ग दर्शन समय-समय पर पत्रकारिता कर रहे स्टूडेंट्स को मिलता है।
Created On :   23 Feb 2020 6:14 PM IST