रमज़ान में बढ़ी खजूर की मांग, चार वर्षों से अप्रैल माह में आ रहा त्यौहार
डिजिटल डेस्क, रिसोड़, सतीश मांदले. गुरुवार को चांद नज़र आने के साथ ही पवित्र रमज़ान माह की शुरुआत शुक्रवारी 24 मार्च से हुई । इस माह मुस्लिम की ओर से रोज़े रखे जाते है । रमज़ान का रोज़ा खोलते समय खजुर खाने की प्रथा होने से रमज़ान माह में खजुरों की बिक्री बढ़ जाती है । इस वर्ष भी रमज़ान शुरु होते ही खजुरों की मांग बढ़ गई ।बाज़ारपेठ में पुरब देशों से आनेवाली खजुर की अधिक मांग है । ट्युनिशिया की खजुर 200 से 250 रुपए तो इरान की ब्लैक लिली खजुर 240 से 250 रुपए किलो मूल्य पर उपलब्ध है । सौदी अरेबिया की नावर जुमेरा खजुर के लिए प्रति किलाे 240 रुपए चुकाने पड़ रहे है । इसके अलावा इराक की जाएदी खजुर की भी अच्छी मांग है । अजवा खजुर का मूल्य वर्तमान में 1000 से 1500 रुपए किलो है और वह भी 10 से 15 प्रतिशत से बढ़ गई है । इसके अलावा कलमी, ओमानी, मस्कती खजुर आदि पर्याय भी उपलब्ध है । खजुरों का मूल्य 15 से 20 प्रतिशत अधिक बढ़ गया है । किमिया खजुर को भारी मांग है और उसका भाव 600 ग्राम के लिए 120 से 130 रुपए से बढ़कर 150 रुपए पर पहंुच गया है । 70 रुपए किलो मूल्य पर मिलनेवाली साधी खजुर का मूल्य 90 रुपए से अधिक हो गया है । विविध दुकानाें खजुर बिक्री के लिए उपलब्ध है । रमज़ान माह में प्रत्येक मस्जिद में तरावीह की नमाज़ का आयोजन गुरुवार 23 मार्च को चांद नज़र आने के बाद से हुआ और रात 8.30 बजे तरावीह की विशेष नमाज़ हर मस्जिद में अदा की जा रही है ।
लगातार चौथे वर्ष मार्च-अप्रैल में रोज़े
पवित्र रमज़ान माह ग्रीष्म यानी अप्रैल माह में आने का यह चौथा वर्ष है । इससे पूर्व वर्ष 2020 में 25 अप्रैल, 2021 को 14 अप्रैल तो वर्ष 2022 मंे 3 अप्रैल को रमज़ान पर्व शुरु हुआ है । इस मर्तबा भले ही 23 मार्च से रमज़ान शुुरु हुए हो लेकिन इसके चार सप्ताह अप्रैल माह में आ रहे है । इस बीच अब बाज़ारपेठ में खरीदारी के लिए भीड़ भी होने लगी है । इसवर्ष रमज़ान के पवित्र पर्व की शुरुआत शुक्रवार से होने के कारण खुशी का माहोल है । क्योंकि इस्लाम में शुक्रवार का बड़ा महत्व है । लेकिन सुखे मेवे के भाव बढ़ने से इस मर्तबा रमज़ान माह पर भी महंगाई का साया पड़ने लगा है ।
Created On :   9 April 2023 3:34 PM IST