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दिल्ली के सरकारी स्कूल देख दंग रह गए जिप के विद्यार्थी, धनी परिवार भी बच्चों को दिला रहे दाखिला
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार की संभावना तलाशने की दृष्टि से शिक्षकों के साथ विद्यार्थियों को दिल्ली के सरकारी स्कूल दिखाने ले जाया गया। 27 नवंबर को सुबह 8.40 बजे इंडिगो विमान से दिल्ली पहुंचे शिक्षक और विद्यार्थी वहां के स्कूल और शैक्षणिक गुणवत्ता देख दंग रह गए। पहली बार विमान में बैठने का अवसर मिलने से विद्यार्थियों में अलग ही उत्साह रहा।
राज्य में सरकारी स्कूल बंद होने की कगार पर पहुंच रहे हैं। विद्यार्थी संख्या कम हो जाने पर अनेक स्कूल बंद करने पड़ रहे हैं। दिल्ली में इसके विपरीत स्थिति है। केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद दिल्ली के स्कूलों की सूरत बदल गई है। निजी स्कूलों से भी बेहतर सुविधा और शैक्षणिक गुणवत्ता के चलते धनी परिवार भी अपने बच्चों को निजी स्कूल से निकालकर सरकारी स्कूलों में दाखिला दिला रहे हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूलों की देश-विदेश में भी चर्चा हो रही है। विश्व के अनेक देशों के प्रतिनिधि दिल्ली की स्कूलों को देखने के लिए पहुंच रहे हैं। जिला परिषद स्कूलों की कम हो रही साख बचाने के लिए शिक्षकों और विद्यार्थियों को दिल्ली के स्कूल दिखाने के लिए ले जाया गया है। 70 विद्यार्थी, 13 शिक्षक, 6 गटशिक्षणाधिकारी, जिला प्राथमिक शिक्षणाधिकारी चिंतामण वंजारी, उपशिक्षणाधिकारी प्रकाा धवगंडे, समग्र शिक्षा सहायक कार्यक्रम अधिकारी प्रमोद वानखेड़े दिल्ली दौरे पर रवाना हुए। दिल्ली सरकार ने शिक्षा में अमूलाग्र परिवर्तन करने के लिए अपनाई नीति, स्कूलों में किए गए सुधार और उपलब्ध सुविधा आदि जानकारी शिक्षा िवभाग के अधिकारी, शिक्षक और विद्यार्थियों ने जानी। 3 स्कूलों को भेंट दी गई। स्कूल का विकास और शिक्षा पद्धति की जानकारी ली गई।
तहसील से एक स्कूल को अवसर
जिले के 13 तहसील है। हर तहसील से एक स्कूल के विद्यार्थियों को दिल्ली दौरे का अवसर दिया गया है। विभागीय आयुक्त के अध्ययन िनष्पन्नता उपक्रम अंतर्गत गुणवत्ता में बेहतर स्कूल का गटशिक्षणाधिकारी के माध्यम से चयन किया गया। विद्यार्थियों के दौरे पर सरकार की ओर से 3 लाख रुपए निधि आवंटित किया गया है। इस निधि से यात्रा और खानपान पर खर्च किया जा रहा है।
यहां जिप स्कूलों का हाल बेहाल
नागपुर जिला परिषद स्कूलों की हालत खस्ता है। अनेक स्कूलों में िबजली आपूर्ति खंडित है। कुछ स्कूलों को छत भी नहीं है। बिजली आपूर्ति खंडित रहने से गर्मी के दिनों में विद्यार्थियों को पंखा भी नसिब नहीं होता। स्कूलों का डिजिटलाइजेशन करने टीवी, डिजिटल स्क्रीन उपलब्ध कराए गए, लेकिन बिजली नहीं रहने से बंद पड़े हैं। जिला परिषद प्रशासन के लापरवाह रवैए से विद्यार्थी संख्या दिन-ब-दिन कम हो रही है। वहीं िनजी स्कूलों में विद्यार्थी संख्या तेजी से बढ़ रही है। दिल्ली की तर्ज पर जिला परिषद स्कूलों के हालात सुधारने की संभावना तलाशने की दृष्टि से शिक्षकों और विद्यार्थियों का दौरा कराया गया है। इसमें से शिक्षा िवभाग क्या सीख लेता है, यह देखना दिलचस्प होगा।
Created On :   28 Nov 2019 2:23 PM IST