- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- सीएम के निर्देश के बाद क्राइम...
सीएम के निर्देश के बाद क्राइम ब्रांच,विपणन संघ और कृषि विभाग ने मारे छापे
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। लगातार दो दिन से दैनिक भास्कर द्वारा उठाए जा रहे तीन करोड़ रुपए से अधिक के सरकारी कोटे का यूरिया गायब होने के मामले में शुक्रवार को तीन प्रमुख लोगों सहित अन्य पर एफआईआर हुई। विपणन संघ (मार्कफेड) के मंडल प्रबंधक रोहित बघेल की शिकायत पर लार्डगंज थाना पुलिस ने कृभको (कृषक भारती को-ऑपरेटिव लि.) के मार्केटिंग डायरेक्टर राजेन्द्र चौधरी, ट्रांसपोर्टर डीपीएमके फर्टिलाइजर द्वारिका गुप्ता एवं रैक हैंडलर स्टेट मैनेजर जयप्रकाश सिंह सहित अन्य के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3 एवं 7 तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 34 एवं 120-बी के तहत प्रकरण दर्ज किया। यह सब मुख्यमंत्री द्वारा सुबह इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए संभागायुक्त को दिए निर्देश के बाद हुआ। मुख्यमंत्री के निर्देश मिलते ही क्राइम ब्रांच, कृषि विभाग और विपणन संघ की टीम ने अलग-अलग छापे मारे और 129 मीट्रिक टन यूरिया 2 वेयर हाउसेस से बरामद किया।
कृभको ने 1020 टन सरकारी कोटे का यूरिया डीलर व अन्य को बेचा
संयुक्त संचालक कृषि द्वारा गठित जांच समितियों की रिपोर्ट में 1020 टन सरकारी कोटे का यूरिया निजी स्थानों पर सप्लाई किए जाने की बात सामने आई है। संभागायुक्त द्वारा भी सीएम को बताया गया कि कृभको उन सात कंपनियों में से एक है, जो जबलपुर क्षेत्र में खाद की सप्लाई करती है। संबंधित मामले में यूरिया खाद के आवंटन की जिम्मेदारी इसी पर थी। इसने एक अन्य कंपनी को परिवहन के लिए नियुक्त किया है। 25 अगस्त को जबलपुर में लगे 2600 मीट्रिक टन के रैक के संबंध में कृभको को बता दिया गया था कि किस जिले को कितना आवंटन जाना है। यह खाद 28 से 31 अगस्त के बीच परिवहन किया गया, लेकिन इन्हें जो स्थान बताए गए थे, उनके स्थान पर यूरिया निजी स्थानों पर सप्लाई कर दिया गया। कृभको में ट्रांसपोर्टर्स ने निर्धारित जगहों पर कम सप्लाई की और कुछ जगहों पर यूरिया की सप्लाई ही नहीं की।
भास्कर पड़ताल-
यूरिया वितरण में गड़बड़ी आसानी से और व्यापक पैमाने पर डीपीएमके द्वारा इसलिए कर ली गई, क्योंकि कृभको की डीलरशिप तथा ट्रांसपोर्ट का काम इन्हीं की अलग-अलग फर्मों के पास है। इसी का फायदा उठाते हुए डीपीएमके को जो 30 प्रतिशत यूरिया प्राइवेट में भेजना था, उसके साथ सरकारी कोटे के 70 प्रतिशत यूरिया का एक बड़ा हिस्सा भी प्राइवेट मेें बेच दिया गया। संयुक्त संचालक कृषि द्वारा कराई गई जांच में भी ट्रांसपोर्टर द्वारा सरकारी कोटे के 1853 टन यूरिया में से 1120 टन कंपनी के दूसरे जिलों के डीलर, सब डीलर सहित अन्य को बेच दिया गया। सरकारी कोटे का यूरिया जिन स्थानों पर भेजे जाने की बात सामने आई है, उनमें छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला व जबलपुर के डीपीएमके के डीलर्स, जबलपुर की ही मधु फर्टिलाइजर प्रा. लि. तथा सिवनी की सात्विक फर्म शामिल हैं। संयुक्त संचालक के.एस. नेताम भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि डीलरशिप व ट्रांसपोर्टेशन एक ही व्यक्ति, कंपनी या उसकी संबंधित फर्मों के पास नहीं होना चाहिए। कमोबेश कृभको द्वारा जबलपुर में ऐसा ही किया गया।
शिवराज ने सुबह 7 बजे की वर्चुअल मीटिंग
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुबह 7 बजे जबलपुर कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर तथा एसपी की वर्चुअल इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। संभागायुक्त बी. चंद्रशेखर से समूचा मामला समझने के बाद उन्होंने दो टूक कहा कि अब कंपनियों को समझाने से काम नहीं चलेगा। तत्काल दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करें। सीएम ने आईजी तथा एसपी से संबंधित मामले में लगने वाली धाराएं पूछते हुए कहा कि मैं चाहता हूं कि सख्त कार्रवाई हो।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से समन्वय कर राज्य के लिए पर्याप्त आवंटन सुनिश्चित किया गया है। जरूरत के समय किसान को खाद की कमी नहीं होना चाहिए।
Created On :   10 Sept 2022 3:32 PM IST