क्लेम डिपार्टमेंट, सर्वेयर टीम के साथ ही ब्रांच के अधिकारी कर रहे गोलमाल

Claims department, surveyor team as well as branch officials are doing breakup
क्लेम डिपार्टमेंट, सर्वेयर टीम के साथ ही ब्रांच के अधिकारी कर रहे गोलमाल
बुखार के इलाज का नो क्लेम कर दिया स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने क्लेम डिपार्टमेंट, सर्वेयर टीम के साथ ही ब्रांच के अधिकारी कर रहे गोलमाल

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीमा पॉलिसी तीन तरह से वर्तमान में बेची जा रही है। एक तो बीमा कंपनी ने बड़े शहरों में आफिस खोल रखे हैं और उसमें एजेंट नियुक्त किए हैं। एजेंट अनेक लुभावने सपने दिखाकर आम लोगों का बीमा करने में सफल हो जाते हैं। दूसरा ऑनलाइन पॉलिसी बेचने का कारोबार किया जा रहा है, इसी तरह बैंक को अधिक कमीशन देकर खाताधारकों व बैंक से लोन लेने वालों को जबरन पॉलिसी दिलाई जाती हैं। खाताधारक को पॉलिसी देने पर बैंक को मोटा कमीशन मिलता है, पॉलिसी लेना बैंक लोन लेने वाले की मजबूरी होती है क्योंकि उसे बैंक से लोन लेना होता है। पॉलिसी खरीदने के बाद जब बीमित को आवश्यकता होती है तो अनेक प्रकार से उसे परेशान किया जाता है और अस्पताल में कैशलेस की जरूरत होती है तो वह भी नहीं किया जाता है। बीमितों को हर प्रकार से परेशान करने के बाद बीमा कंपनियाँ गोलमाल कर रही हैं।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

सारे दस्तावेज देने के बाद भी महीनों से किया जा रहा परेशान

बजरंग वार्ड करेली नरसिंहपुर जिला निवासी महेन्द्र दत्त दुबे ने अपनी शिकायत में बताया है कि उन्होंने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा कराया हुआ है। पॉलिसी क्रमांक पी/161121/01/2022/018743 का कैशलेस कार्ड मिला है। बीमित को बुखार आ रहा था और इसके कारण उसे भोपाल के निजी अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। अस्पताल में कैशलेस के लिए मेल किया गया तो बीमा कंपनी के द्वारा सहयोग नहीं दिया गया और कैशलेस रिजेक्ट करते हुए बिल सबमिट करने पर सारे बिलों का भुगतान का दावा किया गया था। बीमित ने ठीक होने के बाद बीमा कंपनी में सारे बिल सबमिट किए थे। बिल सबमिट करने के बाद बीमा अधिकारियों ने उसमें अनेक खामियाँ निकालीं। बीमित ने सभी बिलों को सत्यापित कराकर दोबारा सबमिट किया तो अनेक प्रकार की गलतियाँ निकालकर पूरा क्लेम ही बीमा कंपनी ने रिजेक्ट कर दिया। पीड़ित ने कहा कि चार वर्ष से बीमा पॉलिसी का संचालन करते आ रहे हैं और उसके बाद भी बीमा कंपनी के द्वारा हमारे साथ धोखा किया जा रहा है। बीमा कंपनी को कई मेल करने के बाद भी किसी भी तरह से सहयोग नहीं दिया जा रहा है।

Created On :   10 Nov 2022 3:21 PM IST

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