Jabalpur News: सेल्फी लेते ही पता चलेगा डाॅक्टर साहब अस्पताल के दायरे में हैं

सेल्फी लेते ही पता चलेगा डाॅक्टर साहब अस्पताल के दायरे में हैं
  • नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में 1 मई से शुरू होगी नई व्यवस्था, डाउनलोड करना हाेगा एप
  • अटेंडेंस लगाने के लिए एप डाउनलोड करना होगा, जिस पर उपस्थिति दर्ज करने के लिए तस्वीर भी अपलोड करनी होगी।

Jabalpur News: मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित करने को लेकर नई व्यवस्था शुरू होने जा रही है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में भी इसके लिए तैयारी हो गई है। डॉक्टरों की हाजिरी के लिए जीपीएस सिस्टम अपडेट किया जा रहा है। इस सिस्टम के 100 मीटर के दायरे में होने पर ही अटेंडेंस दर्ज होगी।

अटेंडेंस लगाने के लिए एप डाउनलोड करना होगा, जिस पर उपस्थिति दर्ज करने के लिए तस्वीर भी अपलोड करनी होगी। दरअसल जिस एप पर अटेंडेंस लगेगी, वह फेस आधारित है। तस्वीर सेल्फी के रूप में होगी। जानकारी के अनुसार मेडिकल काॅलेज प्रबंधन ने कॉलेज में लगी मशीनों की जीपीएस लाेकेशन नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) को भेज दी है।

अलग-अलग भवनों में लगी हैं मशीनें

प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पुराने भवन, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट, बच्चा वार्ड, स्कूल ऑफ एक्सीलेंसी इन पल्मोनरी मेडिसिन, मनोरोग विभाग आदि में पहले से ही आधार बेस्ड अटेंडेंस सिस्टम लगा हुआ है। नॉन क्लीनिक स्टाफ के लिए सुबह 9 से शाम 4 बजे तक, वहीं क्लीनिकल स्टाफ के लिए सुबह 8:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे और शाम 6 से 7 बजे तक का समय पूर्व निर्धारित है।

1 मई से कंसल्टेंट व सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों को उपस्थिति दर्ज कराने के लिए यह एप डाउनलोड करना जरूरी है। मशीनों की लोकेशन एनएमसी को भेज दी है। 100 मीटर के दायरे में रहने पर ही उपस्थिति दर्ज होगी।

-डॉ. नवनीत सक्सेना, अधिष्ठाता, एनएससीबी मेडिकल कॉलेज

कंसल्टेंट और सीनियर रेजिडेंट शामिल

बताया जा रहा है कि फेस आधारित उपस्थिति दर्ज करने के दायरे में मेडिकल कॉलेज के कंसल्टेंट के साथ-साथ सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर भी शामिल हैं। इन सभी को मिलाकर लगभग 400 व्यक्तियों की उपस्थिति जीपीएस आधारित हो जाएगी। वहीं जूनियर डॉक्टर्स को इससे बाहर रखा गया है।

आधारकार्ड बेस्ड है सिस्टम

जानकारी के मुताबिक मेडिकल कॉलेज में आधार बेस्ट अटेंडेंस सिस्टम काफी पहले से इस्तेमाल किया जा रहा था, जिसे अब फेस आईडी और लोकेशन की अनिवार्यता के साथ अपडेट किया गया है। इसके लिए अलग से एप भी डॉक्टरों को डाउनलोड करना होगा।

Created On :   23 April 2025 2:16 PM IST

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