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मरीज लाने पर एंबुलेंस चालक को 10 हजार रू. नगद और बिल में 20 प्रतिशत के हिस्से का ऑफर
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। हर कोई यह कहता सुनाई देता है कि नागपुर में इलाज के नाम पर लूट हो रही है। अक्सर सुनी जाने वाली इन बातों पर सोशल मीडिया पर वायरल एक ऑडियो रिकार्डिंग ने मुहर लगा दी है। वायरल ऑडियो में परासिया के एक ग्रुप द्वारा संचालित एंबुलेंस को मरीज उनके अस्पताल में छोड़ने पर तुरंत 10 हजार रुपए नकद भुगतान का ऑफर दिया गया। यही नहीं मरीज के भर्ती होने पर टोटल बिल का 20 प्रतिशत बतौर कमीशन का प्रलोभन भी दिया गया। जाहिर है कि इतना कमीशन निजी अस्पताल तभी देंगे जब वे मरीजों से मोटी रकम वसूलेंगे। इस तरह अच्छे इलाज की आस में नागपुर की दौड़ लगा रहे मरीजों को ठगी का शिकार होना पड़ रहा है।
हर दिन 10 मरीज होते हैं नागपुर रेफर
जिले से हर दिन औसत 10 मरीज नागपुर के लिए रेफर किए जाते हैं। जबकि थोड़ी भी गंभीर बीमारी पर खुद मरीज के परिजन यहां के अस्पतालों व डॉक्टरों पर भरोसा करने के बजाए सीधे नागपुर की दौड़ लगाते हैं। ऐसे में सिर्फ इलाज के लिए नागपुर जाने वालों की संख्या हर दिन सैकड़ों में हो सकती है।
जिले से दौड़ती हैं 30 निजी एंबुलेंस
छिंदवाड़ा शहर में 30 निजी एंबुलेंस हैं। अमूमन हर एंबुलेंस नागपुर के फेरे लगाती है। इसके अलावा 108 की 16 एंबुलेंस जिले में संचालित हैं। ये भी जिला अस्पताल से रेफर मरीजों को नागपुर व अन्य स्थानों पर लेकर दौड़ती हैं। कुछ निजी एंबुलेंस संचालक तो गंभीर मरीजों के परिजनों का माइंड वॉश कर कमीशन देने वाले नागपुर के निजी अस्पतालों के कैंपस तक छोड़ आते हैं।
प्रलोभन दिए जाने की पुलिस से शिकायत
वाट्सएप ग्रुप जागते रहों के एडमिन रीतेश रिंकू चौरसिया ने नागपुर के निजी अस्पताल के विरुद्ध एंबुलेंस से मरीज लाने पर प्रलोभन दिए जाने की शिकायत परासिया थाने में की है। उन्होंने पुलिस को बताया कि बुधवार को ग्रुप से संचालित एंबुलेंस के मोबाइल नंबर पर नागपुर के निजी अस्पताल से कॉल किया गया। कॉलर उर्वशी और नीलेश ने अलग-अलग नंबरों से उनसे बात की। श्री चौरसिया ने पुलिस से जांच व कार्रवाई की मांग रखी है।
Created On :   5 July 2019 2:12 PM IST