भू माफिया को लगा बड़ा झटका 1.37 करोड़ की 7 जमीनों के नामांतरण की कोशिश नाकाम। अंतत: बच गई पवित्र श्रृंगी पर्वत की जान

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
नायब तहसीलदार ने खारिज किए केस भू माफिया को लगा बड़ा झटका 1.37 करोड़ की 7 जमीनों के नामांतरण की कोशिश नाकाम। अंतत: बच गई पवित्र श्रृंगी पर्वत की जान

डिजीटल डेस्क, सतना। धर्मनगरी चित्रकूट में पौराणिक महत्व के पवित्र श्रृंगी पर्वत के अंतत: प्राण बच गए। नायब तहसीलदार की अदालत के एक निर्णय से चित्रकूट में सक्रिय  अंतरराज्यीय भूमाफिया को जोर का झटका लगा है। पटवारी हल्का नयागांव की जंगल दर्ज अरजी नंबर 909/2 की 2.47 हेक्टेयर अंश भूमि को 7 टुकड़ों में बांट कर 1 करोड़ 37 लाख में बेच खाने की कोशिश नाकाम हो गई है। मझगवां तहसील क्षेत्र के चित्रकूट सर्किल के नायब तहसीलदार ने उक्त भूमियों के पंजीयन से संबंधित नामांतरण के आवेदन खारिज कर दिए हैं। 
ये हैं आधार -
मध्यप्रदेश भूराजस्व संहिता की धारा 165(7-ख) के प्रावधानों का हवाला देते हुए नायब तहसीलदार ऋषि नारायण सिंह ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि बंटन में बतौर सरकारी पट्टा प्राप्त जमीनों की खरीदी -बिक्री और नामांतरण की कार्यवाही कलेक्टर की अनुमति के बिना नहीं की जा सकती है। आदेश में यह भी साफ किया गया है कि जंगल दर्ज होने के कारण उक्त प्रश्नाधीन भूमियों के नामांतरण के विरुद्ध चित्रकूट वन परिक्षेत्र के रेंजर ने भी आपत्ति (पत्र क्रमांक - 1796) दर्ज कराई थी। नामांतरण अर्जियों के विचारण में मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा- 109 की मूलभूत शर्तों के तहत आवदेकों के पूर्ण भू अधिकार भी विधि सम्मत नहीं पाए गए।  
दायर थीं 12 सूत्रीय आपत्तियां -
आपत्तियों के अनुसार पटवारी हल्का नयागांव की आरजी नंबर 909/2 की जमाबंदी के कॉलम नं. 8 में वर्ष 1958-59 में जंगल (श्रृंगी पर्वत ) दर्ज होने के बाद भी  तथ्य छिपाते हुए कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बंटन की भूमियों के विक्रय पत्र पंजीकृत करा लिए गए। जबकि इस पर कलेक्टर की अनुज्ञा आवश्यक थी।  गलत चौहद्दी दर्ज कर श्रृंगी पर्वत की अरजी भी निजी स्वामित्व में शामिल कर ली गई। वन विभाग से एनओसी नहीं ली गई। श्रृंगी पर्वत की तलहटी की फर्जी चौहद्दी दर्ज कर बिक्री शुरु कर दी गई। विक्रय पत्र में रजौला से हनुमानधारा बाईपास का सच भी छिपाया गया। जंगल विभाग की अरजी के रकवे को शामिल कर रजिस्ट्री कराई गईं। राजस्व अमले को पटा कर असत्य फोटोग्राफ एवं नजरी नक्शा भी लगाए गए।   
मुफ्त में की पैरवी -
पौराणिक महत्व के पवित्र श्रृंगी पर्वत के वजूद की रक्षा के दृष्टि में चित्रकूट के संत समाज ने इस फैसले का स्वागत किया है। अधिवक्ता एनपी पटेल भी बेहद खुश हैं। श्री पटेल ने नामांतरण आवेदनों को निरस्त किए जाने के संबंध में आपत्तिकर्ताओं के लिए मुफ्त में पैरवी की थी। उन्होंने कहा कि चित्रकूट की मर्यादा बचाने के लिए वह भूमाफिया के विरुद्ध भविष्य में विधिक सहायता देंगे।  
फैक्ट फाइल –
खारिज की गईं इनकी नामांतरण अर्जियां 
ई पंजीकरण : एम पी 348622021ए 1442196ए 
दिनांक :  17.6.2021 
अरजी नंबर : 909/2/ ख  
रकबा : 0.4420 हेक्टेयर 
कीमत : 2403200 रु. 
ई पंजीकरण: एमपी 348622021ए 1442659 ए 
दिनांक 17.6.21  
अरजी नंबर : 909/2/ग 
रकबा : 0.2010 हेक्टेयर  
कीमत : 1000000 रु. 
ई पंजीकरण : एमपी 348622021 ए 1442596 
दिनांक 17.6.21  
अरजी नंबर : 909/2/क 
रकबा: 0.4040 हेक्टेयर 
कीमत : 2236000रु. 
ई पंजीकरण : एमपी 348622021ए 1442474 ए 
अरजी नंबर: 909/2/ ख 
रकबा :  0.4580 हेक्टेयर
कीमत : 2473600 रु. 
ई पंजीकरण: एमपी 348622021ए 1442270ए 
दिनांक 18.6.21  
अरजी नंबर : 909/2/ग 
रकबा : 0.3630 हेक्टेयर 
कीमत : 2055599 रु. 
ई पंजीकरण: संख्या एमपी 348622021ए 1442219 ए 
दिनांक : 18.6.21  
अरजी नंबर : 909/2/ ग 
रकबा : 0.2010 हेक्टेयर 
कीमत : 1342800 रु. 
ई पंजीकरण : एमपी 348622021ए 1442517 ए
दिनांक 18.6.2021  
अरजी नंबर- 909/2/ क 
रकबा : 0.4050 हेक्टेयर 
कीमत : 2240400 रु.

Created On :   5 April 2022 3:04 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story