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Jabalpur News: एक्सपर्ट सिग्नल के, कर रहे बाबू का काम

- रेलवे में डिवीजन की तनख्वाह पर मुख्यालय में ड्यूटी बजा रहे 50 से 60 कर्मचारी
- तबादला नीति से बचने के लिए अब कई तो कर्मचारी संगठनों का दामन तक थामे हुए हैं
- रेलवे में यह भी नियम है कि पति-पत्नी को एक ही स्थान में पदस्थ किया जाए।
Jabalpur News: पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्यालय और मंडल में तबादला और पोस्टिंग नीति पर इन दिनों कोई ध्यान नहीं दे रहा है, जिसका खामियाजा उन अधिकारी-कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है जो या तो अपनी स्वेच्छा से कहीं अन्यत्र तबादला चाह रहे हैं या फिर न चाहते हुए भी उनका तबादला यहां से वहां हो जाता है।
तबादला नीति से बचने के लिए अब कई तो कर्मचारी संगठनों का दामन तक थामे हुए हैं, ताकि उन पर गाज न गिर सके। एक आंकड़े के अनुसार करीब 50 से 60 कर्मचारी ऐसे हैं जो पमरे मुख्यालय के दौरान वहां अटैच किए गए तो आज तक वहीं जमे हुए हैं और उनका वेतन मंडल कार्यालय से भुगतान हो रहा है। ऐसे कर्मचारियों की वजह से कई बार डिवीजन का कार्य सफर हो रहा है।
ऑफिस स्टाफ के रूप में ज्यादा
आश्चर्य की बात तो यह है कि तकनीकी कर्मचारियों में सबसे ज्यादा ऑफिस में कार्य कर रहे हैं। इनकी संख्या इंजीनियरिंग, सामान्य प्रशासन, विजिलेंस, यांत्रिकी, स्वास्थ्य, स्टोर, दूरसंचार, लेखा सहित अन्य विभागों में है।
क्या है नियम
एक ही सीट में तीन साल और एक स्थान में 8 साल तक ही पदस्थापना कर नियम है लेकिन टीसी, बुकिंग, सीनियर सेक्शन इंजीनियरिंग, लेखा परीक्षण में कायदों का पालन नहीं हो रहा।
शादी के बाद तो फिर एक जगह ही बस गए
रेलवे में यह भी नियम है कि पति-पत्नी को एक ही स्थान में पदस्थ किया जाए। इस स्थिति में जबलपुर में ऐसे लाेगों की संख्या चार से पांच सौ है। कई कर्मचारी तो ऐेसे भी हैं कि जिनकी बाद में भी शादी हुई है तो फिर पति-पत्नी एक ही स्थान पर बस गए है, उनका कहीं तबादला हुआ ही नहीं।
सिग्नल मेंटेनर बन गए लिपिक
मंडल में सिग्नल मेंटेनर के पद पर करीब आधा सैकड़ा से अधिक युवक-युवतियों की भर्ती हुई है जिनका कार्य स्टेशनों में सिग्नल खराब होने पर उसका सुधार करना है मगर अधिकांश इन तकनीकी कर्मचारियों को ऑफिस में लिपिक बनाकर कार्य लिया जा रहा है।
Created On :   25 April 2025 2:41 PM IST