Jabalpur News: ये भी अजब...करोड़ों के बने नाले में भरा मलबा, अगल-बगल से निकल रहा पानी

ये भी अजब...करोड़ों के बने नाले में भरा मलबा, अगल-बगल से निकल रहा पानी
  • विडंबना: जो आधे-अधूरे, बेढंगे नाले बने उनमें सफाई की मॉनीटरिंग का भी बना है अभाव
  • ये हालात उस समय हैं जब नगर निगम ने नालों की सफाई का काम शुरू कर दिया है।
  • नगर निगम सदन में ओमती और मोतीनाला को तोड़ने की कई बार मांग उठ चुकी है।

Jabalpur News: शहर में जलभराव न हो, इस समस्या के समाधान के लिए 374 करोड़ रुपए फूंक दिए गए, लेकिन हालात पहले से भी बदतर हो गए। एक तरफ 80 फीट चौड़े नालों को 40 फीट का कर दिया गया। वहीं दूसरी तरफ कवर्ड नालों की सफाई नहीं की जा रही है। इसकी बानगी मोतीनाला के कवर्ड नाले में देखी जा सकती है।

यहां पर नाले के बीच में लबालब मलबा भरा हुआ है। नाले के आजू-बाजू से पानी की निकासी हो रही है। इससे सहज रूप से अनुमान लगाया जा सकता है कि बारिश में नाले का पानी आस-पास के क्षेत्रों में घुसकर कहर बरपाएगा। ये हालात उस समय हैं जब नगर निगम ने नालों की सफाई का काम शुरू कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि पहले ओमती और मोतीनाला 80 फीट चौड़े हुआ करते थे। नालों की चौड़ाई अधिक होने के कारण यहां से बारिश का पानी आसानी से निकल जाया करता था। नगर निगम ने 12 वर्ष पूर्व 374 करोड़ रुपए से ओमती और मोतीनाला को 80 फीट से घटाकर 40 फीट का कर दिया। नाले संकरे होने के बाद शहर में जगह-जगह जलभराव होने लगा। नगर निगम इस समस्या का समाधान नहीं निकाल पाया है।

लिंक रोड पर नाले पर खड़े कर दिए पिलर

शहर में बारिश के समय सबसे ज्यादा जलभराव मदन महल अंडर ब्रिज और लिंक रोड स्थित ओमती नाले में होता है। यहां पर ओमती नाले पर फ्लाईओवर के पिलर खड़े कर दिए जाने से जगह कम हो गई है। इसके बाद भी यहां पर अभी तक नगर निगम ने नाले की सफाई का काम शुरू नहीं किया है। नाले में बड़े पैमाने पर मलबा भरा हुआ है। जानकारों का कहना है कि 80 फीट के नालों को 40 फीट का कर दिए जाने से बारिश का पानी नहीं निकल पा रहा है। इसके कारण बारिश का पानी रहवासी क्षेत्रों में भर रहा है।

कई जगह हो गए नालों पर अतिक्रमण

शहर में नालों पर कई जगह अतिक्रमण हो गए हैं। अतिक्रमण की वजह से भी कई जगह बारिश का पानी भरता है। ओमती नाले पर शीतलामाई, बाई का बगीचा, ब्यौहारबाग व लिंक रोड में कई अतिक्रमण हैं। खंदारी नाले पर भी बिलहरी क्षेत्र में अतिक्रमण हैं। मोतीनाला में जगह-जगह पर अवैध निर्माण कर लिए गए हैं। इसके कारण यहां पर बारिश का पानी ओवरफ्लो होकर कॉलोनियों में भरता है।

नालों को तोड़ने की उठ रही मांग

नगर निगम सदन में ओमती और मोतीनाला को तोड़ने की कई बार मांग उठ चुकी है। प्रभावित क्षेत्रों के पार्षदों का कहना है कि जलभराव की समस्या साल-दर-साल बढ़ती ही जा रही है। कवर्ड नालों को तोड़े बिना जलभराव की समस्या से निजात नहीं मिल पाएगी।

शहर के छोटे और बड़े नालों की सफाई का काम शुरू कर दिया गया है। बारिश के पहले शहर में नालों की सफाई का काम पूरा कर लिया जाएगा।

- संदीप जायसवाल, स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम

Created On :   25 April 2025 3:45 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story