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डिंडोरी थाना प्रभारी के खिलाफ जमानती वारंट, आदेश के बाद भी पेश नहीं की केस डायरी
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी डिंडोरी कोतवाली के थाना प्रभारी ने न तो केस डायरी पेश की, न ही कोर्ट में हाजिर हुए। जस्टिस राजीव दुबे की एकल पीठ ने आदेश की नाफरमानी को सख्ती से लेते हुए डिंडोरी कोतवाली के थाना प्रभारी के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर 17 जुलाई को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया गया है।
शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने का आरोप
अभियोजन के अनुसार डिंडोरी निवासी खेमकरण उर्फ समन सिंह पर एक आदिवासी ने शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया है। महिला की शिकायत पर डिंडोरी पुलिस ने एक अप्रैल 2019 को धारा 376 और एससीएसटी एक्ट का प्रकरण दर्ज खेमकरण को गिरफ्तार किया है। निचली अदालत ने खेमकरण की जमानत अर्जी खारिज कर दी। इसके बाद हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई है। पिछली सुनवाई पर एकल पीठ ने डिंडोरी कोतवाली थाना प्रभारी को आदेशित किया था कि 10 जुलाई को केस डायरी पेश की जाए, या फिर थाना प्रभारी कोर्ट में हाजिर रहे। बुधवार को सुनवाई के दौरान न तो केस डायरी पेश की गई, न ही थाना प्रभारी कोर्ट में हाजिर हुए। अधिवक्ता रंजीत सिंह ने तर्क दिया कि थाना प्रभारी आदेश के बाद भी केस डायरी नहीं पेश कर रहे है। इस पर सख्त रवैया अपनाते हुए एकल पीठ ने डिंडोरी कोतवाली के थाना प्रभारी के खिलाफ जमानती वारंट कर 17 जुलाई को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है।
उमरिया के सार्वजनिक तालाब पर हो रहे निर्माण पर रोक
हाईकोर्ट ने उमरिया जिले के महाराणा प्रताप चौक स्थित सार्वजनिक तालाब पर किए जा रहे निर्माण पर रोक लगा दी है। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विजय शुक्ला की युगल पीठ ने राज्य शासन, उमरिया कलेक्टर, एसडीओ और तहसीलदार को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब-तलब किया है। उमरिया निवासी सुशील गौतम की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया कि उमरिया के महाराणा प्रताप चौक पर काफी पुराना सार्वजनिक तालाब है। सार्वजनिक तालाब 1953 के खसरे में तालाब के रूप में दर्ज था, वर्तमान में भी खसरे में सार्वजनिक तालाब दर्ज है। याचिका में आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के दौरान उमरिया जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश शर्मा ने तालाब में 2800 वर्गफीट जमीन पर निर्माण शुरू कर दिया है। याचिकाकर्ता ने सार्वजनिक तालाब पर हो रहे निर्माण के खिलाफ उमरिया कलेक्टर, एसडीओ और तहसीलदार को शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। पूर्व में भी तालाब की जमीन पर अवैध निर्माण करने की कोशिश की गई थी, लेकिन कलेक्टर ने अवैध निर्माण तुड़वा दिया था। अधिवक्ता केके गौतम ने तर्क दिया कि सार्वजनिक तालाब की जमीन पर अवैध निर्माण को रोकने के लिए कलेक्टर और अन्य अधिकारियों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। प्रांरभिक सुनवाई के बाद युगल पीठ ने सार्वजनिक तालाब में हो रहे निर्माण पर रोक लगाते हुए अनावेदकों से जवाब-तलब किया है।
Created On :   11 July 2019 2:07 PM IST