12,000 मेगावॉट सीपीएसयू फेज-II सौर परियोजना स्कीमइरेडा ने बोली जमा करने की तिथि 15 जून तक बढ़ाई!

12,000 MW CPSU Phase-II Solar Project Scheme IREDA extends bid submission date till June 15!
12,000 मेगावॉट सीपीएसयू फेज-II सौर परियोजना स्कीमइरेडा ने बोली जमा करने की तिथि 15 जून तक बढ़ाई!
12,000 मेगावॉट सीपीएसयू फेज-II सौर परियोजना स्कीमइरेडा ने बोली जमा करने की तिथि 15 जून तक बढ़ाई!

डिजिटल डेस्क | नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय 12,000 मेगावॉट सीपीएसयू फेज-II सौर परियोजना स्कीम इरेडा ने बोली जमा करने की तिथि 15 जून तक बढ़ाई| नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) ने वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) के साथ 12,000 मेगा वॉट की ग्रिड से जुड़ी सौर परियोजना की स्थापना हेतु केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (सीपीएसयू) की योजना के दूसरे चरण के कार्यान्वयन के लिए बोली जमा कराने की तारीख 15 जून तक बढ़ा दी है।

इससे पहले बोली जमा कराने की अंतिम तिथि 30 मई थी। वीजीएफ घरेलू और आयातित सौर सेल और मॉड्यूल के बीच लागत के अंतर को कम करने के लिए दिया जाता है। यह वीजीएफ दो हिस्सों में रिलीज किया जाएगा। सीपीएसयू को 15 जून 2021 तक प्रतिक्रिया देनी होगी और सफल बोलीकर्ता का चुनाव 20 जुलाई तक किया जाएगा। इससे पहले नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इरेडा को इस योजना के लिए कार्यान्वयन एजेंसी नियुक्त किया था। इस योजना के तहत, सरकारी उत्पादकों द्वारा उत्पादित बिजली का प्रयोग अपने लिए या सरकार/सरकारी संस्थाओं द्वारा पारस्परिक रूप से सहमत 2.45/यूनिट से अधिक नहीं, के उपयोग शुल्क के भुगतान पर प्रत्यक्ष रूप से या डिस्कॉम्स के माध्यम से किया जा सकता है।

अधिकतम स्वीकार्य वीजीएफ 55 लाख रुपये प्रति मेगावाट है। सरकारी उत्पादकों के लिए वास्तविक वीजीएफ बोली प्रक्रिया द्वारा निर्धारित की जाएगी जिसमें प्रोजेक्ट डेवलेपर के चयन के लिए वीजीएफ राशि को पैरामीटर बनाया जाएगा। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय अधिकतम स्वीकार्य वीजीएफ राशि की समय-समय पर समीक्षा भी करता रहेगा और अगर लागत अंतर कम होती है तो इसे कम कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार वर्ष 2022 तक 100 गीगावाट सौर पीवी की संचयी क्षमता की स्थापना की लक्ष्य प्राप्ति के एक भाग के रूप में, इरेडा ने इस साल 29 जनवरी को देशभर में कहीं भी सौर पीवी परियोजना से जुड़े ग्रिड (जिसमें छोटे और सूक्ष्म ग्रिड शामिल हैं) की स्थापना के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए थे। इसे दूसरे चरण (हिस्सा-III) के तहत कुल 5,000 मेगावाट की क्षमता के लिए “बिल्ड ओन ऑपरेट” (बी-ओ-ओ) के आधार पर बनाना है।

Created On :   8 Jun 2021 2:10 PM IST

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