केन्द्र से मांग: जैन, बौद्ध, सिख धर्म के तर्ज पर लिंगायत धर्म को भी मिले अल्पसंख्यक धर्म का दर्जा

जैन, बौद्ध, सिख धर्म के तर्ज पर लिंगायत धर्म को भी मिले अल्पसंख्यक धर्म का दर्जा
  • जैन, बौद्ध, सिख धर्म को अल्पसंख्यक धर्म का दर्जा
  • लिंगायत धर्म की मांग
  • अल्पसंख्यकों में करें शामिल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. लिंगायत धर्म महासभा ने जैन, बौद्ध, सिख धर्म के तर्ज पर लिंगायत धर्म को भी अल्पसंख्यक धर्म का दर्जा देने की केंद्र सरकार से मांग की है। महासभा के महासचिव बी एस पाटील ने इस मांग के संबंध में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और वित्त मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने बातचीत में लिंगायत धर्म को अल्पसंख्यक धर्म का दर्जा देने के साथ ही इसके लिए एक आयोग की स्थापना कराए जाने की भी मांग उठाई. गौरतलब है कि हाल में बसवन्ना का कार्यक्षेत्र रहे कर्नाटक के बसवकल्याण में लिंगायत धर्म की राष्ट्रीय परिषद हुई थी, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने संबोधन में महात्मा बसवन्ना के 'कायक वे कैलास' इस तत्व का उल्लेख तथा करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई मंचों पर महात्मा बसवन्ना के कार्यों का उल्लेख किया है। परिषद में इसके लिए उनका आभार प्रस्ताव भी पारित किया था।

इसके साथ ही परिषद में लिंगायत धर्म के लिए स्वतंत्र आयोग बनाने की मांग का प्रस्ताव भी पारित किया गया था। पाटील ने कहा कि लिंगायत धर्म संविधानात्मक और अन्य अल्पसंख्यक धर्म के दर्ज पर लिंगायत को भी अल्पसंख्यक दर्जा देने की मांग सरकार से की है।

Created On :   29 Nov 2023 8:00 PM IST

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