अब रोबोटिक सर्जरी ने घुटने के रिप्लेसमेंट को बनाया और ज़्यादा भरोसेमंद

अब रोबोटिक सर्जरी ने घुटने के रिप्लेसमेंट को बनाया और ज़्यादा भरोसेमंद
  • अधिक सटीक तरीके से इम्प्लांट प्लेसमेंट
  • तकनीक ने घुटने के रिप्लेसमेंट को बनाया आसान
  • रोबोटिक सर्जरी से अच्छे परिणाम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी में रोबोट की मदद से सर्जरी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण असर देखा जा रहा है। इसमें खासतौर से घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी आम तौर पर ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित मरीज़ों की होती है। यह रोग भारत में आम है और लगभग 22 से 39% लोगों को होता है। सिर्फ दिल्ली में ही लगभग 23 प्रतिशत मरीज़ इससे पीड़ित हैं। आर्थोपेडिक सर्जरी के मामले में रोबोटिक उपकरणों के उपयोग कर भारत में सर्जरी को लेकर एक मानक स्थापित किया गया है। घुटने का टोटल नी रिप्लेसमेंट -TKR सर्जरी की प्रक्रिया है, जिसमें क्षतिग्रस्त या घिसे हुए घुटने के जोड़ की जगह धातु और अल्ट्रा-हाई मॉलेक्यूलर वेट पॉलीएथिलीन से बना कृत्रिम जोड़ लगाया जाता है। रोबोट की मदद से होने वाली ऑर्थोपेडिक सर्जरी की सफलता दर करीब 98% है।


फोर्टिस अस्पताल के निदेशक और विभागाध्यक्ष डॉ. अतुल मिश्रा ने कहा कि तकनीकी और रोबोटिक से जुड़ी ताज़ातरीन प्रोद्योगिकी की मदद से अब मरीज की विशिष्ट शारीरिक रचना के आधार पर ही घुटने का पूरी तरह से रिप्लेसमेंट करने की योजना बनाई जा सकती है, जो मरीज़ों के इलाज में सफल रहा है। सर्जरी के दौरान रोबोटिक उपकरणों का उपयोग सर्जन को काफी मदद करता है, लेकिन किसी भी टीकेआर प्रोसीजर की सफलता अंततः इस बात पर निर्भर करती है कि आर्थोपेडिक सर्जन कितना जानकार और कुशल है। तकनीक और मानवीय अनुभव दोनों के मेल से ऑपरेशन के बाद होने वाली समस्याओं को कम करने, तेजी से स्वस्थ होने और घुटने ठीक से काम करने में मदद मिलती है।

  • रोबोट की मदद से सर्जरी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण असर
  • अधिक सटीक तरीके से इम्प्लांट प्लेसमेंट में मदद मिलती है।
  • टिशू को होने वाली क्षति और रक्तस्राव कम होता है
  • अस्पताल में रहने की अवधि कम होती है
  • ऑपरेशन के बाद होने वाली मुश्किलों की संभावना कम होती है।

भारत में हर साल 2.5 लाख से अधिक लोग घुटने का रिप्लेसमेंट कराते हैं, जो लगभग पांच साल पहले के आंकड़े के मुकाबले ढाई गुना है। आर्थराइटिस का अब तक कोई इलाज नहीं निकल सका है, लेकिन उपचार की नई रणनीतियों से लंबे समय तक राहत प्रदान करने में मदद मिल रही है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में मेडिकल रोबोटिक्स उद्योग का विकास अब अनिवार्य हो रहा है। इस रिपोर्ट का शीर्षक है 'रोबोटिक्स इन मेडिकल डिवाइसेस - थीमैटिक इंटेलिजेंस', जिसमें में कहा गया कि इस क्षेत्र में 8 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से वृद्धि दर्ज होगी। आने वाले समय की बात करें तो 2030 तक वार्षिक वृद्धि दर 15.8 अरब डॉलर तक होगी, जो पिछले साल 2022 में 8.6 अरब डॉलर थी।









Created On :   4 Aug 2023 6:16 PM IST

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