New Delhi News: वैष्णव ने कहा - राजधानी या शताब्दी की जगह वंदे भारत ट्रेनें चलाने का विचार नहीं

वैष्णव ने कहा - राजधानी या शताब्दी की जगह वंदे भारत ट्रेनें चलाने का विचार नहीं
  • फिलहाल देश भर में चलाई जा रही 136 वंदे भारत ट्रेन
  • राजधानी या शताब्दी की जगह वंदे भारत ट्रेनें चलाने का विचार नहीं
  • 5 साल में 10,896 सवारी डिब्बे अनुपयोगी घोषित

New Delhi News : सरकार ने इस बात से इंकार किया है कि राजधानी/शताब्दी या दूरंतो ट्रेनों के स्थान पर वंदे भारत ट्रेन का संचालन करने का विचार है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी के एक सवाल के जवाब में कहा कि वंदे भारत ट्रेन का परिचालन मौजूदा सेवाओं में बदलाव किए बिना शुरू किया गया है।

वैष्णव ने सदन को बताया कि भारतीय रेल की बड़ी लाइन के विद्युतीकृत नेटवर्क पर चेयर कार वाली 136 वंदे भारत रेल गाड़ी सेवाएं परिचालन में हैं। उन्होंने बताया कि वंदे भारत सेवाओं सहित नई गाड़ी सेवाओं की शुरूआत करना सतत प्रक्रिया है, जो यातायात औचित्य, परिचालनिक व्यवहार्यता, संसाधनों की उपलब्धता आदि पर निर्भर है।

10 साल में तैयार हुए 36,933 एलएचबी सवारी डिब्बे

रेल मंत्री ने बताया कि भारतीय रेल की उत्पादन इकाईयां अप्रैल 2018 से केवल एलएचबी सवारी डिब्बों का उत्पादन कर रही हैं, क्योंकि ये तकनीकी रूप से बेहतर हैं और इनमें एंटी क्लाइम्बिंग व्यवस्था, एयर सस्पेंशन के साथ विफलता संकेत प्रणाली और कम संक्षारक ढांचे जैसी विशेषताएं हैं। इन सवारी डिब्बों में पारंपरिक आईसीएफ डिब्बों की तुलना में बेहतर यात्रा अनुभव है और इनका डिजाइन/परिचालन गति 180/160 किलोमीटर प्रति घंटा है। पिछले कुछ वर्षों में एलएचबी सवारी डिब्बों का उत्पादन लगातार बढ़ा है। मंत्री ने बताया कि वर्ष 2004 से 2014 तक 2,337 एलएचबी सवारी डिब्बों का उत्पादन हुआ, जबकि वर्ष 2014 से 2024 के बीच 36,933 एलएचबी सवारी डिब्बों का उत्पादन हुआ है। यह उत्पादन 16 गुना अधिक है।

5 साल में 10,896 सवारी डिब्बे अनुपयोगी घोषित

केन्द्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि सवारी डिब्बों का मरम्मत और प्रतिस्थापन सतत प्रक्रिया है। पिछले 5 वर्षों के दौरान कुल 10,896 सवारी डिब्बे अनुपयोगी घोषित किए गए हैं। वर्ष 2023-24 के दौरान सबसे ज्यादा 2,776 सवारी डिब्बे प्रचालन के अयोग्य घोषित किए गए हैं।

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Created On :   18 Dec 2024 6:10 PM IST

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