New Delhi News: फजीहत से बचने के लिए लोकसभा उपाध्यक्ष पद पर दावे से बच रही कांग्रेस !

फजीहत से बचने के लिए लोकसभा उपाध्यक्ष पद पर दावे से बच रही कांग्रेस !
  • इंडिया गठबंधन में खटास को माना जा रहा वजह
  • लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव हुए पूरे होने को है एक वर्ष

New Delhi News. अजीत पाठक। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरु होने जा रहा है। भाजपा के अगुवाई वाला राजग जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एकजुट है। वहीं, लोकसभा चुनाव के दौरान बना इंडिया गठबंधन तकरीबन बिखर सा गया है। विधानसभा चुनावों में विपक्षी गठबंधन के घटक दल एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक चुके हैं, तो राष्ट्रीय स्तर पर भी आपसी रिश्तो में दरार बढ़ गई है। यही वजह है कि लोकसभा अध्यक्ष के पद पर ओम बिरला के चुने जाने को एक वर्ष होने जा रहा है, लेकिन अभी तक उपाध्यक्ष पद को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है। अमूमन यह पद विपक्ष के खाते में जाता है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहली बार राजग सरकार जब बनी उस वक्त नेता प्रतिपक्ष का दर्जा हासिल करने के लिए कांग्रेस समेत किसी भी अन्य विपक्षी दल के पास पर्याप्त सीटें नहीं थी। इसी वजह से प्रमुख विपक्षी दल होने के बावजूद कांग्रेस को लोकसभा उपाध्यक्ष का पद नहीं मिल सका। सत्ता पक्ष ने ऑल इंडिया द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के सांसद ए. थंबीदुरई को यह पद देकर कांग्रेस को झटका देने का काम किया। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राजग के वापसी हुई। तब भी कोई विपक्षी दल उपाध्यक्ष पद पर दावा करने की स्थिति में न था।

वर्ष 2024 के आम चुनाव में कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने मिलकर इंडिया गठबंधन बनाया और मजबूती से चुनाव लड़ा। इस बार वर्ष 2014 और 2019 के मुकाबले भाजपा की सीटों में कमी आई। भाजपा को 240 सीटें मिली, लेकिन जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार राजग सरकार का गठन हुआ। इस चुनाव में कांग्रेस ने इतनी सीटें जरूर हासिल कर लीं कि उसे मान्यता प्राप्त विपक्ष का दर्जा मिल गया और राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष बन गए। लोकसभा उपाध्यक्ष पद पर अब कांग्रेस की दावेदारी मजबूत है। बावजूद, इस पद का चुनाव नहीं हो सका है। यूं तो सरकार पर निर्भर करता है कि वह इस पद के लिए चुनाव कराए, लेकिन इसके पीछे इंडिया गठबंधन की आंतरिक कलह को भी कारण माना जा रहा है। इसी वजह से कांग्रेस लोकसभा उपाध्यक्ष पद पर दावा करने से कतरा रही है, क्योंकि उसे इस बात की आशंका है कि अगर इस पद के लिए सदन में चुनाव हुआ तो घटक दल ही उसकी फजीहत करा सकते हैं।

Created On :   9 March 2025 6:14 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story