New Delhi News: समंदर का सीना चीरकर बना है देश का पहला वर्टिकल रेल ब्रिज, उद्घाटन करेंगे पीएम
- फरवरी में पंबन रेल पुल का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी
- इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कंट्रोल्ड सिस्टम से होगा संचालित
- 3, 38, 014 बोरी सीमेंट का हुआ है इस्तेमाल
- 1964 में तबाह हो गया था रामेश्वरम-धनुषकोडी रेल लिंक
New Delhi News - अजीत कुमार : तमिलनाडु स्थित रामेश्वरम धाम जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है। तमिलनाडु की मुख्य भूमि से रामेश्वरम को जोड़ने वाला भारत का पहला वर्टिकल-लिफ्ट पंबन रेल पुल बनकर तैयार है। जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फरवरी के आखिरी सप्ताह में इस शानदार रेल पुल का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद इसे आमजनों के आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। इस पुल के शुरू होने के बाद मंडपम से पंबन द्वीप तक की दूरी ट्रेन से मात्र 5 मिनट में तय होगी। इस पुल की खासियत यह है कि जब रेलगाड़ियों की आवाजाही नहीं होगी, तब पुल के स्लैब को ऊपर उठाकर नीचे से जहाजों की आवाजाही की जा सकेगी।
इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कंट्रोल्ड सिस्टम से होगा संचालित
नया पंबल ब्रिज सिर्फ एक पुल नहीं, बल्कि आधुनिक इंजीनियरिंग का चमत्कार है। यह पुल इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कंट्रोल्ड सिस्टम से संचालित होगा। इसे ट्रेन के कंट्रोल सिस्टम से जोड़ा गया है। यदि 58 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी तो ऑटोमेटिक अलर्ट सिग्नल जारी हो जाएगा और ट्रेन रूक जाएगी। ट्रेन की गति 75 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इसके साथ ही इसका 73 मीटर का हिस्सा (स्पैन) अपने दोनों तरफ लगी लिफ्टों के माध्यम से ऊपर की ओर उठ जाएगा ताकि उसके नीचे से समुद्री जहाज गुजर सकेंगे। इस नए पुल का निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड ने 531 करोड़ रूपये की लागत से किया है।
3, 38, 014 बोरी सीमेंट का हुआ है इस्तेमाल
रेल विकास निगम लिमिटेड के उप महाप्रबंधक वी रामास्वामी ने बताया कि रेल मंत्रालय ने फरवरी 2019 में नए पंबन रेलवे पुल के निर्माण को मंजूरी दी थी। उन्होंने कहा कि नया पंबन ब्रिज पंबन और रामेश्वरम के बीच रेल यातायात को बढ़ाएगा और साथ ही इससे धनुषकोडी की यात्रा करना भी आसान होगा। पुल की बुनियाद पाइल फाउंडेशन तकनीक पर आधारित है, जिसमें कुल 333 पाइल हैं। इसके निर्माण में 5,772 मीट्रिक टन एसएस रिइनफोर्समेंट और 25,000 घन मीटर कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया है। पुल के निर्माण में 3, 38, 014 बोरी सीमेंट और 4,500 मीट्रिक टन स्ट्रक्चरल स्टील लगाया गया है। रामास्वामी ने बताया कि रेलवे बोर्ड की विशेषज्ञ समिति ने पुल में कुछ तकनीकी खामियों का पता लगाया था, जिन्हें अब दुरूस्त कर लिया गया है।
हाइटेक इंजीनियरिंग का नमूना है : वैष्णव
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस पुल को ‘आधुनिक इंजीनियरिंग का कमाल’ बताते हुए कहा कि यह उस प्रतिष्ठित 105 साल पुराने पुल की जगह लेगा, जिसने कई पीढ़ियों तक इस क्षेत्र की सेवा की है। उन्होंने कहा कि नया पंबन पुल गति, सुरक्षा और नवीनता का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि पुल के डिजाइन की जांच आईआईटी चेन्नई ने की है। यह 2.10 किलोमीटर लंबी संरचना है, जिसमें 100 स्पैन हैं।
1964 में तबाह हो गया था रामेश्वरम-धनुषकोडी रेल लिंक
बता दें कि मुख्य भूमि को रामेश्वरम से जोड़ने के लिए ब्रिटिश काल में एक रेलवे पुल का निर्माण किया गया था, जो नए पुल के ठीक बगल में स्थित है। रामेश्वरम में धनुषकोडी आखिरी रेलवे स्टेशन हुआ करता था। 1964 में आई भीषण सुनामी में धनुषकोडी रेलवे स्टेशन और रेल लाइन तहस-नहस हो गया था, जिसके अवशेष आज भी यहां देखे जा सकते हैं। धनुषकोडी स्टेशन भारत और श्रीलंका के बीच यात्रा का मुख्य संपर्क बिंदु भी था।
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- 19 Jan 2025 8:52 PM IST
इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कंट्रोल्ड सिस्टम से होगा संचालित
New Delhi News - अजीत कुमार : तमिलनाडु स्थित रामेश्वरम धाम जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है। तमिलनाडु की मुख्य भूमि से रामेश्वरम को जोड़ने वाला भारत का पहला वर्टिकल-लिफ्ट पंबन रेल पुल बनकर तैयार है। जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फरवरी के आखिरी सप्ताह में इस शानदार रेल पुल का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद इसे आमजनों के आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। इस पुल के शुरू होने के बाद मंडपम से पंबन द्वीप तक की दूरी ट्रेन से मात्र 5 मिनट में तय होगी। इस पुल की खासियत यह है कि जब रेलगाड़ियों की आवाजाही नहीं होगी, तब पुल के स्लैब को ऊपर उठाकर नीचे से जहाजों की आवाजाही की जा सकेगी।
Created On :   19 Jan 2025 8:51 PM IST