New Delhi News: नए साल पर किसानों को तोहफा, 13 सौ 50 रुपए में ही मिलेगी डीएपी की 50 किलो की थैली
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- नए साल के पहले दिन ही किसानों को तोहफा
- फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ाते हुए 4 करोड़
New Delhi News. केंद्र सरकार ने नए साल के पहले दिन ही किसानों को तोहफा थमा दिया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किसानों के हित में दो नए फैसले लिए हैं। इसके तहत सरकार ने फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ाते हुए 4 करोड़ और किसानों को इस दायरे में शामिल करने का निर्णय लिया है। साथ ही सरकार ने डीएपी की कीमतों में बढ़ोत्तरी ने करने का भी फैसला किया है। केंद्र के इस फैसले के बाद किसानों को डीएपी खाद की 50 किलोग्राम की थैली 1350 रुपए में मिलती रहेगी। सरकार ने प्रत्येक थैली पर 175 रुपए की सब्सिडी और बढ़ा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने किसानों को किफायती मूल्य पर डीएपी की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 01 जनवरी 2025 से 31 दिसंबर 2025 तक की अवधि के लिए एनबीएस सब्सिडी से अलग डीएपी खाद पर एकमुश्त 3850 करोड़ रुपए के विशेष पैकेज को मंजूरी दी है। सरकार की ओर से डीएपी पर दी जाने वाली यह सब्सिडी 3500 रूपए प्रति मीट्रिक टन है। इसके तहत किसानों को डीएपी खाद की 50 किलोग्राम का थैली 1,350 रुपए में उपलब्ध कराई जाएगी ।इसका अतिरिक्त आर्थिक बोझ केंद्र सरकार उठाएगी । उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के दस सालों के कार्यकाल में उर्वरकों पर 11.9 लाख करोड़ की सब्सिडी दी जा चुकी है। जो संप्रग सरकार के 10 साल के कार्यकाल में हुई वृद्धि के लगभग दो गुना है। संप्रग सरकार में 2004 से 2014 तक 5.5 लाख करोड़ की सब्सिडी दी गई थी।
बढ़ा फसल बीमा योजना का दायरा
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि किसानों की पीएम फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को मंत्रिमंडल ने 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी है। वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक इस योजना पर 69,515.71 करोड़ का कुल व्यय होगा।
वैष्णव ने यह भी कहा कि सरकार ने 824.77 करोड़ रुपए के कोष के साथ सूचना एवं प्रौद्योगिकी (एफआईएटी) के लिए कोष बनाने को भी मंजूरी दे दी है। इस कोष का इस्तेमाल तकनीक के माध्यम से फसलों के नुकसान का तेजी से आंकलन, बीमा दावे का निष्पादन और विवाद को कम करने के साथ-साथ अनुसंधान एवं विकास के वित्तपोषण के लिए किया जाएगा। इससे पारदर्शिता और दावों की गणना और निपटान में भी वृद्धि होगी।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 23 राज्य व संघ शासित प्रदेश पीएम फसल बीमा योजना का लाभ उठा रहे हैं। किसानों को फसल बीमा के तहत पिछले 8 वर्ष में 1.70 लाख करोड़ रुपए का लाभ मिल चुका है
पीएम फसल बीमा योजना किसानों के लिए वरदान है : शिवराज चौहान
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा किसानों के हित में लिए तीन निर्णयों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्राकृतिक आपदा से पीड़ित किसानों के लिए वरदान है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पहले भी थी, जब यूपीए की सरकार थी, लेकिन वह किसानों के लिए नहीं थी। जो बैंकों से किसान लोन लेते थे, उस लोन का बीमा था। बैंकर्स का पैसा सुरक्षित किया गया था।
कृषि मंत्री ने कहा कि लोनी किसानों के लिए यह अनिवार्य थी और नॉन लोनी किसान उसमें आते ही नहीं थे। यूपीए की जब सरकार थी, तब फसल बीमा योजना की इकाई होती थी ब्लॉक या तहसील और इसका मतलब यह है कि पूरे ब्लॉक में या पूरी तहसील में फसल खराब हो जाए तो किसान को नुकसान का क्लेम मिलेगा। जैसे 5 गांव 10 गांव में फसल खराब हो गई तो उन किसानों को प्रार्थना करनी पड़ती थी कि पूरी तहसील में फसल खराब हो तो हमें फायदा मिलेगा। अन्यथा हमें फायदा नहीं मिलेगा। उस योजना को 2016 में बदल दिया गया। अब फसल बीमा योजना की इकाई गांव या ग्राम पंचायत बनाई गई। मतलब गांव में भी फसल का नुकसान होगा तो भरपाई बीमा कंपनी करेगी।
Created On :   1 Jan 2025 9:06 PM IST