New Delhi News: दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लिए व्यापक दृष्टिकोण आवश्यक - रावल
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- अरहर, चना, मूंग, उड़द और मसूर के उत्पादन में अग्रणी है महाराष्ट्र
- दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लिए व्यापक दृष्टिकोण आवश्यक
New Delhi News. महाराष्ट्र के विपणन मंत्री जय कुमार रावल ने बुधवार को दलहन क्षेत्र में अनुसंधान और बुनियादी ढांचे के विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि सरकार, किसान, शोधकर्ता और उद्योग हितधारक सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाते हैं, तो उत्पादन क्षमता में और वृद्धि करके भारत दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बन जाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी स्थित भारत मंडपम में आयोजित भारतीय दलहन सम्मेलन (आईपीजीए-भारत दलहन सम्मेलन) को संबोधित करते हुए रावल ने दलहन उत्पादन में महाराष्ट्र सरकार की पहलों पर प्रकाश डाला और कहा कि महाराष्ट्र सहित भारत टिकाऊ कृषि, अनुसंधान, सरकारी योजनाओं और उद्योग की भागीदारी के माध्यम से दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहा है।
भारतीय दलहन परिषद द्वारा भारतीय दलहन एवं अनाज संघ (आईपीजीए) द्वारा भारत मंडपम में 'समृद्धि के लिए दलहन - पोषण एवं स्थिरता' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें रावल ने दालों के सतत उत्पादन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि महाराष्ट्र राज्य अरहर, चना, मूंग, उड़द और मसूर जैसी दालों के उत्पादन में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि दालें न केवल पोषण सुरक्षा प्रदान करती हैं, बल्कि मृदा पोषण में भी सुधार करती हैं, पानी की खपत को कम करती हैं और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में मदद करती हैं।
विपणन मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र ने टिकाऊ और नवीन कृषि तकनीकों के उपयोग के माध्यम से दालों के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की है। राज्य सरकार ने अनुसंधान संस्थानों के साथ समन्वय करके दलहन की नई किस्में विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
Created On :   13 Feb 2025 8:02 PM IST