New Delhi News: महाराष्ट्र में 22,688 आंगनवाड़ी किराए के घर में चल रहीं, जगा रहे शिक्षा-स्वास्थ्य की अलख
- महाराष्ट्र में 22,688 आंगनवाड़ी चल रहीं किराए के घर में
- किराए के मकान से जगा रहे शिक्षा व स्वास्थ्य की अलख
- पीवीटीजी के लिए बनेंगे 2,500 केन्द्र
New Delhi News. अजीत कुमार। गांव-गांव तक शिक्षा और स्वास्थ्य की अलख जगाने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों का खुद का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। अगर अकेले महाराष्ट्र की बात करें, तो यहां 22,688 आंगनवाड़ी किराए के घर में चल रहीं हैं, जो शिक्षा - स्वास्थ्य की अलख जगा रही हैं। 80 के दशक में शुरू हुए आंगनवाड़ी केन्द्रों से न तो कुपोषण दूर हो सका है और न ही इन केन्द्रों को पर्याप्त संसाधन मुहैया कराया जा सका है। फिलहाल भारत के साढ़े तीन लाख से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों के पास अपना भवन तक नहीं हैं। देश में इस समय कुल 1,396,425 आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जिनमें से 3,58,164 आंगनवाड़ी केन्द्र किराए के भवन से चल रहे हैं। मतलब 25 प्रतिशत से अधिक आंगनवाड़ी केंद्र अपने भवन की बाट जोह रहे हैं। पोषण ट्रैकर डेटा के मुताबिक इस मामले में बिहार की स्थिति सबसे खराब हैं। यहां के 68,178 आंगनवाड़ी केन्द्र किराए के घरों में चल रहे हैं। पश्चिम बंगाल के 28,026 आंगनवाड़ी केन्द्रों के पास अपने भवन नहीं हैं। मध्यप्रदेश के 26,641 तो महाराष्ट्र के 22,688 आंगनवाड़ी केन्द्र किराए के भवन में चल रहे हैं। राजधानी दिल्ली में कुल 10,897 आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जिनमें से 10,765 किराए के भवन से ही चल रहे हैं।
सक्षम आंगनवाड़ी केन्द्र के रूप में विकसित होंगे 2 लाख केन्द्र
केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने माना कि सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों को अपना भवन दिलाने का कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि मिशन सक्षम आंगनवाड़ी एवं मिशन पोषण 2.0 के अंतर्गत सरकारी स्वामित्व वाले आंगनवाड़ी भवनों के रखरखाव के लिए 3,000 रूपये प्रति वर्ष का प्रावधान किया गया है। मिशन पोषण 2.0 के अंतर्गत 15वें वित्त आयोग की अवधि के दौरान बेहतर पोषण प्रदायगी तथा प्रारंभिक देखरेख एवं शिक्षा के लिए प्रति वर्ष 40,000 आंगनवाड़ी केन्द्रों की दर से सरकारी भवनों में स्थित दो लाख आंगनवाड़ी केन्द्रों को सक्षम आंगनवाड़ी केन्द्रों के रूप में उन्नत किया जाना है। सक्षम आंगनवाड़ी को इंटरनेट/वाईफाई कनेक्टिविटी, एलईडी स्क्रीन, जल निष्कासन प्रणाली/आरओ मशीनों की स्थापना, पोषण वाटिका, ईसीसीई सामग्री उपलब्ध कराकर पारंपरिक आंगनवाड़ी केन्द्रों की तुलना में बेहतर बुनियादी ढांचे से युक्त किया जाएगा।
1,000 करोड़ रूपये से संवरेंगी एक लाख 70 हजार आंगनवाड़ी
मंत्री ने बताया कि 25 नवंबर 2024 तक 1,70,337 आंगनवाड़ी केन्द्रों को उन्नयन की मंजूरी दी गई है, जिसके लिए सभी राज्यों को 1,004 करोड़ रूपये की राशि आवंटित की गई है। साथ ही राज्यों को प्रति आंगनवाड़ी केन्द्र पर 17,000 रूपये की दर से पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने तथा प्रति आंगनवाड़ी केन्द्र 36,000 रूपये की दर से शौचालय निर्माण के लिए भी निधियां उपलब्ध कराई जाती है। 15वें वित्त आयोग के दौरान 1,46,199 आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 14,660 लाख रूपये की राशि जारी की गई है। इसी प्रकार देश भर में 1,42,522 आंगनवाड़ी केन्द्रों में शौचालय की सुविधाओं के निर्माण के लिए 28,474 लाख रूपये की राशि जारी की गई है। मंत्री ने बताया कि मनरेगा के साथ मिलकर पांच वर्ष की अवधि में 50,000 आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण किया जाना है। इसके लिए प्रति आंगनवाड़ी केन्द्र 12 लाख रूपये की दर से निधियां उपलब्ध कराई जा रही है।
पीवीटीजी के लिए बनेंगे 2,500 केन्द्र
प्रधानमंत्री जनमन के तहत 75 विशेष रूप से संवेदनशील जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के लक्षित विकास के लिए 2025-26 तक तीन वित्तीय वर्षों में बनाए जाने वाले कुल 2,500 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से मंत्रालय द्वारा 2,139 आंगनवाड़ी केन्द्रों को मंजूरी दी गई है। इनमें से 786 केन्द्र कार्यशील हो चुके हैं। आंगनवाड़ी केन्द्रों का उद्देश्य बच्चों का मानसिक विकास करना भी है, जिससे वह प्राथमिक स्कूल में और बेहतर तरीके से शिक्षा प्राप्त कर सकें। इसके लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता द्वारा 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को खेल-खेल में अनौपचारिक शिक्षा दी जाती है।
राज्य - कुल आंगनवाड़ी केन्द्र - किराए पर संचालित
बिहार - 114968 - 68178
पश्चिम बंगाल - 119481 - 28026
मध्यप्रदेश - 97329 - 26641
महाराष्ट्र - 110516 - 22688
उत्तरप्रदेश - 189021 - 21208
जम्मू कश्मीर - 28426 - 25211
दिल्ली - 10897 - 10765
Created On :   7 Jan 2025 6:39 PM IST