New Delhi News: दुनियाभर के मीडिया और हस्तियों ने पूर्व प्रधानमंत्री सिंह से जुड़ी प्रेरक कहानियां और किस्से किए साझा

दुनियाभर के मीडिया और हस्तियों ने पूर्व प्रधानमंत्री सिंह से जुड़ी प्रेरक कहानियां और किस्से किए साझा
  • यादें...स्कॉलरशिप पर पढ़ने के लिए गए थे
  • हमेशा लोगों की मदद के लिए तैयार रहते थे
  • मनमोहन सिंह की कहानी आत्मविश्वास भर देती है

New Delhi News. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर दुनियाभर के मीडिया ने शोक जताया है। फाइनेंशियल टाइम्स ने लिखा- उनका पहला टर्म कर्ज माफी, मनरेगा और आरटीआई के लिए जाना जाता है। 2008 में उन्होंने परमाणु डील करार के लिए सरकार को दांव पर लगा दिया था। ब्लूमबर्ग ने लिखा उनकी कहानी लोगों में आत्मविश्वास भर देती है। उन्होंने साबित किया कि शिक्षा, कड़ी मेहनत से हमारी जिंदगी हमारे माता-पिता की जिंदगी से बेहतर हो सकती है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा- वे सिख समुदाय से थे और पहली बार कोई सिख भारत का पीएम बना था। सिंह जब पीएम बने तब धर्मनिरपेक्षता खतरे में थी, उन्होंने साबित किया कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है।

‘करोड़ों की कार तो पीएम की, मेरी गड्डी तो मारुति’

असीम अरुण, सिंह के सुरक्षा चीफ

आईपीएस के तौर पर मैं 2004 से लगभग 3 साल तक डॉ. सिंह की सुरक्षा में तैनात एसपीजी में रहा। डॉ. साहब की अपनी एक ही कार थी - मारुति 800, जो पीएम हाउस में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी। जब भी हम सरकारी आवास से निकलते तो मनमोहन सिंह जी बार-बार मुझे कहते- असीम, मुझे इस करोड़ों की लग्जरी कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है (मारुति)।

‘फुर्सत में किताबों के बारे में खूब बातें करते थे’

विजय केलकर, वित्त आयोग में रहे

मैं जब भी पत्नी लता और बेटी सुजाता के साथ डॉ. मनमोहन सिंह के आवास जाता था, तो वे फुर्सत में किताबों के बारे में खूब बातें करते थे। दफ्तर में पीएम मनमोहन सिंह पूरे समय काम में जुटे रहते थे। देश की बेहतरी का लक्ष्य हमेशा उनके दिमाग में रहता था। उन्होंने इकोनॉमी को ‘आर्थिक सुधारों का लॉन्चपैड’ दिया। तीन दशक से ज्यादा समय से इकोनॉमी की हाई ग्रोथ का कारण मनमोहन की बूस्टर डोज रही है।

‘जब मैं जेल में था तो मदद के लिए हाथ बढ़ाया था’

अनवर इब्राहिम, मलेशियाई पीएम

‘डॉ. सिंह के निधन की खबर से मुझ पर दुखों का बोझ बढ़ गया है। मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि मेरे कारावास के वर्षों के दौरान सिंह ने बड़ी दया दिखाई थी। मेरे बच्चों, खास तौर पर मेरे बेटे इहसान के लिए छात्रवृत्ति की पेशकश की। हालांकि मैंने इनकार कर दिया था क्योंकि इससे मलेशियाई सरकार नाराज हो सकती थी।’ इब्राहिम 1999 से 2004 तक जेल में थे। तब डॉ. सिंह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे।

दुनिया के नेता बोले

मनमोहन सिंह एक उत्कृष्ट राजनेता थे। पीएम और अन्य पदों पर रहते हुए भारत के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मनमोहन सिंह वैश्विक मंच पर मुखर रहे हैं।

-व्लादिमीर पुतिन, रूस के राष्ट्रपति

भारत ने एक महान व्यक्ति और फ्रांस ने एक सच्चा मित्र खो दिया है। उन्होंने अपना जीवन भारत के लिए समर्पित कर दिया था। हमारी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।

-इमैनुएल मैक्रों, फ्रांस के राष्ट्रपति

डॉ. सिंह अमेरिका-भारत साझेदारी के सबसे बड़े समर्थकों में से एक थे। डॉ. सिंह भारत-अमेरिका संबंधों के शिल्पकार रहे।

-एंटनी ब्लिंकन, अमेरिकी विदेश मंत्री

भारत ने सबसे शानदार पुत्रों में से एक खो दिया है। -हामिद करजई, अफगानिस्तान

मनमोहन सिंह एक दयालु पिता की तरह थे। वे હહहमेशा मालदीव के अच्छे मित्र थे।

-मोहम्मद नशीद, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति

Created On :   28 Dec 2024 6:12 PM IST

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