सुरक्षा व्यवस्था: सरसंघचालक की सुरक्षा में कार ही नहीं हेलीकाप्टर की भी होगी विशेष डिजाइन

सरसंघचालक की सुरक्षा में कार ही नहीं हेलीकाप्टर की भी होगी विशेष डिजाइन
  • नई सुरक्षा व्यवस्था की दिल्ली से होगी मानिटरिंग
  • महल स्थित संघ मुख्यालय परिसर पुलिस छावनी में तब्दील रहेगा
  • दौरा या कार्यक्रम स्थल पर पहले ही पहुंच जाएंगी पुलिस फोर्स

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत की सुरक्षा में बढ़ोतरी के साथ ही सुरक्षा घेरे में कई बदलाव दिखेंगे। सरसंघचालक की कार विशेष डिजाइन की जाएगी। उनके लिए हेलीकाप्टर भी विशेष होगा। इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र में सामान्य नागरिक उनके पास नहीं पहुंच पाएंगे। नागपुर में संघ के महल स्थिति मुख्यालय परिसर में भी सुरक्षा चुस्त होगी। परिसर में किसी भी तरह की फोटाग्राफी नहीं होगी। इसके अलावा ड्रोन भी नहीं चलाए जा सकेंगे। सरसंघचालक के दौरे व कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा बल के जवान पहले ही तैनात हो जाएंगे। बता दें कि सरसंघचालक डॉ.भागवत की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। 9 साल पहले नागपुर में याकूब मेनन को फांसी के बाद उसका भाई टाइगर मेनन बौखला गया था। टाइगर मेनन ने धमकियां दी थी। उसके बाद सरसंघचालक की सुरक्षा श्रेणी जेड प्लस कर दी गई थी। जेड प्लस सुरक्षा के तहत 150 जवान सुरक्षा में लगाए गए थे। सीआईएसएफ अर्थात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान दिल्ली से लाकर तैनात किए गए थे। अब सरसंघचालक की सुरक्षा को जेड प्लस से बढ़ाकर एडवांस सिक्योरिटी लाइजन एएसएल कर दिया गया है।

नई सुरक्षा : जानकारी के अनुसार सरसंघचालक की सुरक्षा के संबंध में आईबी के थ्रेट अलर्ट के बाद सुरक्षा अपग्रेड की जा रही है। अब नई सिक्योरिटी के बाद सीआईएसएफ की टीम उस स्थान पर पहले से ही मौजूद रहेगी जहां सरसंघचालक को जाना होगा। जिस शख्स को एएसएल स्तर की सुरक्षा मिलती है उसकी सुरक्षा से संबंधित जानकारी जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य और अन्य विभागों जैसी स्थानीय एजेंसियों की भागीदारी को अनिवार्य करता है। जानकारी के अनुसार, इसमें बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा होता है। साथ ही चॉपर यात्रा की अनुमति केवल विशेष रूप से डिजाइन किए गए हेलीकॉप्टरों में ही दी जाती है।जिसके लिए अलग तरह का प्रोटोकॉल होता है।

विशेष सुरक्षा : सुरक्षा कैटेगरी और सुरक्षाकर्मी खुफिया ब्यूरो की ओर से सुरक्षा संबंधी खतरों को देखते हुए देश के वीवीआईपी और अन्य क्षेत्रों के लोगों को यह सुरक्षा दी जाती है। भारत में 4 तरह की सुरक्षा कैटेगरी है जिसमें एक्स, वाय, जेड और जेड प्लस, सुरक्षा कैटेगरी होती है और इसमें जेड प्लस कैटेगरी सबसे बड़ी सुरक्षा कैटेगरी होती है। इन लोगों की सुरक्षा पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च हो जाते हैं।

लगता है बड़ी मछली फंस गई… : सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत सादगीभरा जीवन जीते हैं। वे तामझाम व वैभव से दूर रहे हैं। पेशे से पशु चिकित्सक हैं। जेड प्लस सुरक्षा मिलने पर उन्होंने रोचक किस्सा बयां किया था। वे ट्रेन से महाराष्ट्र के एक शहर में गए। रेलवे स्टेशन पर उतरने के पहले ही उनकी सुरक्षा में काफी जवान तैनात थे। एक महिला अपने पति से पूछ बैठी कि पुलिस इतनी क्यों है। तब उसके पति का जवाब था-लगता है कोई बड़ी मछली फंस गई है। किस्सा सुनाकर सरसंघचालक ने अपनी व्यथा तो सुना दी लेकिन सुरक्षा के लिहाज से उन्हें अब पहले से अधिक बंदोबस्त में रहना होगा।

Created On :   28 Aug 2024 9:28 AM GMT

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