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हादसा: पटरियों पर खत्म हो रही बाघों व तेंदुओं की जिंदगी , एक साथ आ जाने से होते हैं हादसे
- गोंदिया-चांदाफोर्ट रेलवे लाइन पर भी अक्सर आ जाते हैं वन्यजीव
- ट्रेन व वन्यजीव पटरी पर एक साथ आने से होती है घटनाएं
- खास उपाय योजना बनाने की उठ रही है मांग
डिजिटल डेस्क, नागपुर। हाई-वे पर हादसे का शिकार हो रहे वन्यजीवों के लिए कॉरिडोर बनाने की योजना है, जहां से वन्यजीव एक जगह से दूसरी जगह जा सकते हैं। लेकिन रेलवे पटरियों का क्या? ट्रेन व वन्यजीव पटरी पर एक साथ आने पर वन्यजीवों का खात्मा निश्चित है। इसी महीने में चंद्रपुर से हैदराबाद रेल मार्ग पर एक तेंदुए की ट्रेन की टक्कर से मौत हो गई थी। इसी मार्ग पर वर्ष 2022 से अब तक तीन बाघों की जिंदगी खत्म हो चुकी है। इसके अलावा गोंदिया-चांदाफोर्ट रेलवे लाइन पर भी आये दिन वन्यजीवों की मौत होती है। ऐसे में वन्यजीवों के लिए यहां खास उपाय योजना करने की मांग वन्यजीव प्रेमियों की ओर से हो रही है।
यहां भी हो चुकी हैं घटनाएं : लगभग 3 साल पहले चंद्रपुर के जुनोना जंगल में बाघ के दो शावक मृत अवस्था में पाए गए थे। शाम होने पर एक तीसरा शावक भी रेलवे पटरियों से थोड़ी दूरी पर मृत अवस्था में मिला था। इन शावकों की उम्र लगभग 6 माह बताई जा रही थी। परिसर में ही ताड़ोबा जंगल लगा है, जहां बाघों की संख्या बहुत ज्यादा है। ऐसे में परिसर से आए इन शावकों के रेल पटरी पर मौजूद रहते हुए बल्लारशाह-गोंदिया पैसेंजर से टक्कर लगकर उनकी मौत होने की आशंका जताई गई थी।
एक नहीं, अनेक घटनाएं : मीलों का सफर तय करने वाली रेल गाड़ियां कई जंगली क्षेत्र से गुजरती हैं। ऐसे में पटरियों पर आए दिन वन्यजीवों के आने से उनकी मौत होने की घटनाएं सामने आती है। मध्य रेलवे नागपुर मंडल की बात करें तो चंद्रपुर, तड़ाली, भांदक, राजूरा, बल्लारशाह आदि जगहों पर लगकर ही जंगली क्षेत्र होने से यहां भी आए दिन नागपुट्रैक पर वन्यजीव आते हैं। इसके अलावा किरतगड़, मरामझीरी, कोला पत्थर, धाराखोह जैसे घाट सेक्शन में भी वन्यजीव दिखाई देते हैं।
वहीं दपूम रेलवे नागपुर मंडल अंतर्गत भी अर्जुनी-वडसाT व सालेकसा व दरेकसा के बीच में जंगली क्षेत्र रहने से वन्यजीव ट्रेनों के सामने आकर हादसे होते रहते हैं। इसी महीने रेल पटरियों पर हुई घटनाओं में एक घटना चंद्रपुर जिले के राजूरा तहसील के चनाखा गांव के पास की है। यहां ट्रेन की टक्कर से तेंदुए की मौत हो गई थी। इससे पहले भी इसी लाइन पर 3 बाघों की जिंदगी खत्म हो गई थी। चंद्रपुर से हैदराबाद की ओर जानेवाला यह रेल मार्ग वन्यजीवों के लिए संवेदनशील साबित हो रहा है। ऐसे में वन्यजीवों के पास के लिए यहां कोई उपाय योजना करने की मांग पशुप्रेमी लगातार करते आ रहे हैं।
Created On :   16 July 2024 1:12 PM IST