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महिला वकील से मारपीट करने वाले पुलिस कर्मचारियों पर 2.5 लाख का जुर्माना
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य मानवाधिकार आयोग ने नागपुर पुलिस के अधिकारियों को अधिवक्ता अंकिता शाह मखेजा से मारपीट और असभ्य बर्ताव का दोषी माना है। आयोग सदस्य एम.ए.सईद ने लकड़गंज पुलिस थाने में उस वक्त तैनात वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक नरेंद्र हिवरे, पीएसआई कावरे, महिला पुलिसकर्मी माधुरी खोब्रागडे और चेतना बिसेन को 6 सप्ताह के भीतर पीड़िता को संयुक्त रूप से 2.5 लाख रुपए का मुआवजा अदा करने का आदेश दिया है। ऐसा नहीं करने पर 12 प्रतिशत ब्याज के हिसाब से जुर्माना भरने को कहा है, साथ ही पीड़िता को इनके खिलाफ अापराधिक मामला दर्ज कराने का भी विकल्प दिया गया है। आयोग ने राज्य पुलिस महासंचालक को ऐसे प्रकरण रोकने के िलए पुलिस विभाग में जागरूकता सेमिनार आयोजित करने और आयोग के इस आदेश के प्रचार-प्रसार करने को कहा गया है। मामले में पीड़िता की ओर से एड. रिजवान सिद्दीकी ने पैरवी की।
यह है मामला
घटना 25 मार्च 2020 की है। पीड़िता का अपने पड़ोसी के साथ किसी बात को लेकर विवाद हुआ था, इसलिए उसने मामले की शिकायत दर्ज कराने लकड़गंज पुलिस थाने पहुंची थी। यहां पुलिस अधिकारियों ने उसकी शिकायत नहीं ली, बल्कि पीड़िता और उसके पति से ही सवाल-जवाब करने लगे। पीड़िता का आरोप है कि पुलिस के असभ्य बर्ताव का विरोध करने पर पुलिस अधिकारियों ने उससे मारपीट की और मोबाइल भी छीन ली। उसके बाद उसने आयोग की शरण ली। मामले में पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने आयोग के समक्ष बयान देकर इस घटना की पुष्टि की और बताया कि मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है। उन पर जुर्माना लगाकर उनका स्थानांतरण भी किया गया है।
दलील काम नहीं आई
मामले में मानवाधिकार आयोग ने भी मामले की स्वतंत्र जांच कराई और शिकायत को सही पाया। इसके बाद आरोपी पुलिसकर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। जवाब में पुलिस कर्मियों ने दलील दी कि इस मामले में उन्हें पहले ही विभागीय कार्रवाई के रूप में सजा दी जा चुकी है, लिहाजा आयोग उन्हें दोबारा सजा ना दे, लेकिन आयोग ने स्पष्ट किया कि विभागीय जांच और कानूनी मुकदमा दो भिन्न मामले हैं, इसलिए पुलिसकर्मियों को उक्त सजा सुनाई गई है।
Created On :   30 Jun 2023 3:35 PM IST