मनपा की परेशानी: इंडिया पोस्ट को नहीं मिले 33.53 फीसदी नागरिकों के घर , कर लाभ से वंचित

इंडिया पोस्ट को नहीं मिले 33.53 फीसदी नागरिकों के घर , कर लाभ से वंचित
  • 1.8 लाख से अधिक संपत्ति धारकों को नहीं मिली मनपा की डिमांड
  • जोन स्तर पर कर्मचारियों की सहायता से भेजने की तैयारी
  • गलत पते और मकान तालाबंद होने से दिक्कत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगरपालिका के कर विभाग को कर संकलन में फिर एक बार दिक्कत आ गई है। इस आर्थिक वर्ष 2024-25 के लिए कर विभाग ने नई पहल की थी। इस पहल में कर भुगतान के लिए डिमांड को इंडिया पोस्ट में डाक से भेजने का फैसला किया गया था, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी इंडिया पोस्ट से 33.53 फीसदी नागरिकों तक डिमांड नहीं पहुंच पाई है। ऐसे में शहर के करीब 1 लाख 89 हजार नागरिकों को कर विभाग की रियायत का भी लाभ नहीं मिल पाया है। अब कर विभाग ने जोन स्तर पर अपने कर्मचारियों की सहायता से नागरिकों को डिमांड पहुंचाने का फैसला किया है।

मनपा कर विभाग से 5,64,188 नागरिकों को कर भुगतान की डिमांड देना था। नागरिकों तक डिमांड को पहुंचाने के लिए इंडिया पोस्ट की सुविधा को अपनाने का फैसला किया गया। कर विभाग से प्रति डिमांड के लिए 32 रुपए का इंडिया पोस्ट को भुगतान किया, लेकिन इंडिया पोस्ट से 1,89,190 नागरिकों के बगैर डिलीवरी के डिमांड वापस आ गए। डाक विभाग के मुताबिक इनमें से अधिकतर गलत पते और घर में तालाबंद होने से नहीं पहुंच पाए हैं। ऐसे में मनपा को डाक खर्च वहन करने, कर संकलन नहीं होने के दोहरे नुकसान को सहन करना पड़ा है। वहीं दूसरी ओर समय पर डिमांड नहीं मिलने से कर भुगतान की राशि की रियायत से नागरिकों को वंचित रहना पड़ा है।

नागरिकों का भी नुकसान : वर्तमान में कर विभाग का अब तक संपत्ति कर करीब 850 करोड़ रुपये है, जबकि वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए 280 करोड़ कर संकलन का लक्ष्य रखा गया है। कर विभाग ने 1 अप्रैल से 30 जून तक कर भुगतान करने पर ऑफ़लाइन भुगतान में 10 फीसदी और आनलाइन भुगतान में 15 फीसदी रियायत देने की घोषणा की है, जबकि 1 जुलाई से 31 दिसंबर के बीच भुगतान करने पर ऑफ़लाइन भुगतान में 5 फीसदी और आनलाइन भुगतान में 10 फीसदी रियायत भी मिलना है। इस रियायत में ईजीएस, शिक्षा सेस और बड़ी बिल्डिंग योजना के उपकर को छोड़कर कुल संपत्ति कर में 15 फीसदी तक की छूट शामिल है। 31 दिसंबर के बाद कर भुगतान करने पर 2 फीसदी का सालाना ब्याज भुगतान करना है।

Created On :   14 Sept 2024 3:48 PM IST

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