रेलवे को राहत: सोलर लगाने में मध्य रेलवे नागपुर मंडल नंबर वन, 58 जगह स्थापित किये पैनल

सोलर लगाने में मध्य रेलवे नागपुर मंडल नंबर वन,  58 जगह स्थापित किये पैनल
  • अब तक 10 लाख रुपये की बचत
  • ट्रेनों को खींचने के लिए लगती है हाई वोल्ट बिजली
  • बड़े पैमाने पर सोलर पैनल का किया जा रहा उपयोग

डिजिटल डेस्क, नागपुर । बाकी विभाग की तरह अब रेलवे भी सौर ऊर्जा की ओर तेजी से बढ़ रही है। बिजली पैदा करने के लिए रेलवे की खाली जगहों के साथ स्टेशन आदि पर सोलर की परत लगाई जा रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा बिजली पैदा की जा सके। अब तक मध्य रेलवे की बात करें तो कुल 205 सोलर पैनल लगाये गये हैं। जिसमें सबसे ज्यादा सोलर नागपुर मंडल में कुल 58 सोलर पैनल को स्थापित किया है। गत एक साल में इसके माध्यम से नागपुर मंडल ने 10 लाख रुपये तक की बिजली बचत कर ली है।

रेलवे में पटरियों पर ट्रेनों को खींचने के लिए हाई वोल्ट बिजली लगती है। जो रेलवे की ओर से बिजली कंपनियों से ली जाती है। लेकिन इसके अलावा स्टेशन व कार्यालय में भी बिजली खपत बड़े पैमाने पर होती रहती है। ऐसे में अब रेलवे सोलर पैनल की मदद ले रहे हैं। मध्य रेलवे जोन में बड़े पैमाने पर इसका उपयोग किया जा रहा है। आंकड़ों की बात करें मध्य रेल पर अक्षय ऊर्जा खपत का हिस्सा वर्तमान में ट्रैक्शन के लिए 9.9% और नॉन-ट्रैक्शन के लिए 6.5% है और जल्द ही इसके बढ़ने की संभावना है। सौर ऊर्जा का उपयोग मध्य रेल द्वारा हरित और नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों का उपयोग करने के लिए अपनाए जा रहे विभिन्न उपायों में से एक है।

जुलाई-2024 तक मध्य रेल के सभी 5 मंडलों में 205 स्थानों पर सौर पैनल लगाए गए हैं, जिनमें मुंबई मंडल पर 47 स्थान, नागपुर मंडल पर 58 स्थान, पुणे मंडल पर 50 स्थान, भुसावल मंडल पर 32 स्थान और सोलापुर मंडल पर 18 स्थान शामिल हैं, जिससे मध्य रेल की आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध हुई है और इसके परिणामस्वरूप राजस्व की काफी बचत भी हुई है।

इस तरह कार्बन फुट प्रिंट हुआ कम :: वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान, मध्य रेल के 5 मंडलों पर सौर पैनलों ने 8.04 एमयू (मिलियन यूनिट) बिजली पैदा की है, जो 6594.81 टन कार्बन फुट प्रिंट कम करने के बराबर है। इसमें मुंबई मंडल पर 5.56 एमयू (4557.17 टन कार्बन फुट प्रिंट की बचत के बराबर), भुसावल मंडल पर 1.35 एमयू (1108.76 टन कार्बन फुट प्रिंट की बचत के बराबर), पुणे मंडल पर 0.96 एमयू (784.44 टन कार्बन फुट प्रिंट की बचत के बराबर), नागपुर मंडल पर 0.09 एमयू (76.80 टन कार्बन फुट प्रिंट की बचत के बराबर) और सोलापुर मंडल पर 0.08 एमयू (67.61 टन कार्बन फुट प्रिंट की बचत के बराबर) बिजली उत्पादन शामिल है।

इस तरह बिजली बचत होगी : इन पहलों से कुल 4.62 करोड़ रुपये की बचत हुई है, जिसमें मुंबई मंडल द्वारा 2.66 करोड़ रुपये, भुसावल मंडल द्वारा 1.09 करोड़ रुपये, पुणे मंडल द्वारा 0.69 करोड़ रुपये, नागपुर मंडल द्वारा 0.10 करोड़ रुपये और सोलापुर मंडल द्वारा 0.08 करोड़ रुपये की बचत शामिल है।

Created On :   5 Sept 2024 3:49 PM IST

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