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Nagpur News: उमरेड करांडला में पहले ही दिन उमड़ी पर्यटकों की भीड़ , जंगल सफारी का उठाया आनंद
- इस बार देर से जंगल सफारी शुरू हुई
- पर्यटकों मेंं दिखा भारी उत्साह
- बाघिन व शावकों के बढ़ने से बढ़ा है आकर्षण
Nagpur News बुधवार से नागपुर जिले के उमरेड करांडला की राह खुल गई है। पहले दिन ही पर्यटकों ने दस्तक दी। सैर के दौरान बाघ से लेकर विभिन्न वन्यजीवों को भी देखा गया। बता दें कि 1 अक्टूबर से लगभग सभी जंगल सफारियां शुरू हुई है। लेकिन अभी तक उमरेड करांडला की सफारी बंद थी। जिसका मुख्य कारण बारिश के कारण सफारी के रास्ते ठीक नहीं थे, लेकिन अब बारिश थम गई है। रास्तों की हालत भी ठीक हो गई है इसलिए इसे शुरू कर दिया है।
नागपुर में पेंच व्याघ्र प्रकल्प एक जंगल का बड़ा क्षेत्र है। कुछ समय पहले तक जिले में उमरेड करांडला एक स्वतंत्र क्षेत्र हुआ करता था। लेकिन अब इसे पेंच व्याघ्र प्रकल्प से मर्ज कर दिया है। नागपुर का उमरेड करांडला का दायरा बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन यहां क्षेत्र के अनुसार बाघों की भरमार है। कभी यहां 1 बाघ व 3 बाघिन ही देखने को मिलते थे। बीच-बीच में ब्रम्हपुरी से भूले-भटके बाघ यहां आते रहते थे। लेकिन बाघों की संख्या बहुत कम होने के कारण जंगल सफारी के दौरान आसानी से साइडिंग नहीं होती थी। इससे सैलानियों को मायूस होकर लौटना पड़ता था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। यहां मौजूद बाघिन फेरी के 5 शावक हैं जबकि कॉलरवाली बाघिन और शाडो नामक बाघिन के 3-3 शावक हैं। एन4 नाम के बाघ भी है जिससे यहां घूमने आने वालों को बाघिन के साथ उनके शावक देखने का आनंद मिलता है।
कारांडला में सबसे ज्यादा फेरी व उसके 3 से 4 महीने के 5 शावक सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनते रहे हैं। इस महीने में बारिश के कारण 1 अक्टूबर से सफारी शुरू नहीं की गई थी। लेकिन 9 अक्टूूबर से इसका एक गेट यानी करांडला गेट शुरू कर दिया है। बताया गया कि, यहां के गाइड, जीप्सी चालकों ने श्रमदान करते हुए यहां के रास्ते की हालत ठीक कर दी है। जिसके कारण इसे शुरू कर दिया है। हालांकि अभी तक गोठनगांव व पवनी गेट को शुरू नहीं किया गया है। हालांकि अभी बारिश नहीं होने से रास्तों की हालत इतनी ज्यादा भी खराब नहीं है। फिर भी इन गेटों को अभी तक शुरू क्यो नहीं किया गया है। इसे लेकर सवाल भी उठ रहे हैं।
एन-4 बाघ दिखा : पहले दिन एक ही बार में दो जिप्सी गई। जिन्हें परिसर में एन-4 नामक बाघ देखने मिला। बता दें कि यहां पहले एन-4 व सूर्या नामक दो बाघ रहते थे। लेकिन लंबे समय से यहां से सूर्या नामक बाघ गायब हो गया है। जिसका अता-पता किसी को भी नहीं है। ऐसे में यहां केवल एक ही नर बाघ दिख रहा है। हालांकि अभी तक सफारी बंद रहने से यहां और भी नये बाघ आने के कयास लगाया जा रहा है।
Created On :   9 Oct 2024 4:45 PM IST