Nagpur news: शोध के लिए मिलेगा बजट का 1 फीसदी, सीनेट में उठा था मुद्दा

शोध के लिए मिलेगा बजट का 1 फीसदी, सीनेट में उठा था मुद्दा
  • एफडी के ब्याज से निधि देने का था सुझाव
  • आखिरकार दिखा असर

Nagpur news. राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा विभाग और संलग्नित कॉलेजों को शोध के लिए विवि के कुल बजट के 1 फीसदी निधि देने की मांग की गई। दिसंबर 2024 में हुई सीनेट सभा में इस मुद्दे को लेकर सवाल उठाया गया था। वित्त एवं लेखा विभाग ने कुल बजट के 1 फीसदी निधि शोध को देने में असमर्थता दिखाई थी, लेकिन अब विश्वविद्यालय द्वारा 2025-26 वर्ष के लिए प्रस्तुत किए 542 करोड़ के बजट में शिक्षकों के अनुसंधान के लिए 6 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

सीनेट में उठा था मुद्दा

नागपुर विश्वविद्यालय के शताब्दी महोत्सव अवसर पर विवि के विभाग और संलग्नितa कॉलेज शिक्षकों के रिसर्च प्रोजेक्ट को विवि के कुल बजट के 1 फीसदी निधि देने निर्णय लिया गया। यह प्रावधान अधिसभा के सुझाव के अनुसार किया गया। वर्ष 2024-25 के लिए विवि द्वारा शोध के लिए 2.50 करोड़ मंजूर किए गए। इसमें से विवि के विभागों को डेढ़ करोड़ और संलग्नित कॉलेजाें के लिए 1 करोड़ की निधि मंजूर की गई थी। यह निधि शोध के लिए कम पड़ने का दावा करते हुए हाल ही में दिसंबर 2024 को हुई सीनेट में सदस्यों ने यह मुद्दा उठाया था। सीनेट सदस्यों ने कहा था कि, पुणे और अन्य विश्वविद्याल में शोध के लिए कम से कम 14 से 15 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। नागपुर विश्वविद्यालय जिसने अपने 100 वर्ष पूरे किए हैं, यह गौरवशाली इतिहास रहने के बावजूद विवि शोध पर खर्च करने में उदासीन दिख रहा है।

आखिरकार दिखा असर

सीनेट सदस्यों ने उठाए इस मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए आखिरकार विश्वविद्यालय ने 2025-26 वर्ष के लिए शिक्षकों के अनुसंधान एवं विकास को बढ़ाने के उद्देश्य से 6 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। नई शिक्षा नीति में अनुसंधान पर विशेष जोर दिया गया है। अब विश्वविद्यालय ने भी शोध के लिए बजट में 1 फीसदी से ज्यादा निधि का प्रावधान किया है।

एफडी के ब्याज से निधि देने का था सुझाव

सीनेट के वरिष्ठ सदस्य डॉ. भोयर ने वित्त अधिकारी से पूछा था कि विवि को एफडी के पैसों पर हर साल कितना ब्याज मिलता है? इस पर वित्त अधिकारी ने जवाब में कहा था कि 55 करोड़ मिलते हैं। इसलिए डॉ. भोयर ने एफडी के ब्याज के 10 फीसदी निधि शोध के लिए देने का सुझाव दिया था। इस सुझाव पर बाकी सदस्यों ने अनुमोदन दिया है, लेकिन एफडी के ब्याज का निधि शोध के लिए देने पर फैसला नहीं हुआ। विवि ने अब इस सुझाव के बदले कुल बजट के 1 फीसदी निधि देने के खुद के फैसले पर ही अमल किया। अस्वीकृत प्रस्ताव पर विचार किया जाए वर्ष 2024 में विवि के पास कुल 200 शोध प्रस्ताव आए थे, उनमें से सिर्फ 55 प्रस्तावों को ही मंजूरी दी गई। इसलिए सीनेट सदस्यों ने मांग की थी है कि अस्वीकृत प्रस्ताव पर भी विचार करते हुए उन्हें एक ओर मौका दिया जाए। साथ ही विवि के विभाग और संलग्नित कॉलेजों को अनुसंधान के लिए फंड देने पर भेदभाव को लेकर सीनेट सदस्यों ने कहा था कि, विवि का विभाग हो या फिर संलग्नित कॉलेज हो, जिसने पहले शोध प्रस्ताव दिया है, उसे पहले मौका मिले। शोध के लिए बढ़ाई गई निधि के साथ अब सीनेट सदस्यों के इन मांगों पर भी सकारात्मक फैसला लेने की आशा जताई गई है।

Created On :   10 March 2025 8:54 PM IST

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