Nagpur News: प्रतिबंधित कीटनाशक मामले में चंद्रपुर की एक दुकान का लाइसेंस रद्द

प्रतिबंधित कीटनाशक मामले में चंद्रपुर की एक दुकान का लाइसेंस रद्द
  • सारस संवर्धन जनहित याचिका में कृषि अधीक्षक का शपथ-पत्र
  • 652 कीटनाशक बेचने वाली दुकानों और गोदामों का निरीक्षण
  • 116 कीटनाशकों के नमूने लिए

Nagpur News बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सारस पक्षियों के संवर्धन को लेकर सू-मोटो जनहित याचिका प्रलंबित है। इस मामले में बुधवार को हुई सुनवाई में चंद्रपुर के जिला कृषि अधीक्षक शंकर तोटावार ने शपथ-पत्र दायर करते हुए बताया कि सारस संवर्धन को ध्यान में लेते हुए बताया कि 2023-24 और 2024-25 इन दो वर्षों में निरीक्षण के दौरान चंद्रपुर जिले में प्रतिबंधित कीटनाशकों का कोई स्टॉक, बिक्री और उपयोग नहीं पाया गया।

वर्ष 2024-2025 में अगस्त, 2024 तक उड़नदस्तों और कीटनाशक निरीक्षकों ने 652 कीटनाशक बेचने वाली दुकानों और गोदामों का दौरा कर निरीक्षण किया। कीटनाशक निरीक्षकों ने 116 कीटनाशकों के नमूने लिए। जिनमें से 4 नमूने गलत पाए गए, इस पर कानूनी प्रक्रिया प्रगति पर है। साथ ही कीटनाशक बेचने में अनियमितता पाने पर 1 दुकान का लाइसेंस रद्द किया गया। मामले पर बुधवार को न्या. भारती डांगरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई। मामले में न्यायालय मित्र के रूप में एड. राधिका बजाज और राज्य सरकार की ओर से एड. दीपक ठाकरे ने पैरवी की।

यह आरोप लगाए गए हैं : इस मामले में विविध पहलुओं पर गौर करने के बाद हाई कोर्ट ने गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर और नागपुर में पाए जाने वाले सारस पक्षियों के संवर्धन के लिए हर जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में स्वतंत्र सारस संवर्धन समितियां गठित की हैं। पिछली सुनवाई में मध्यस्थी अर्जदार सेवा फाउंडेशन ने कोर्ट को बताया था कि, किसान अच्छी फसल के लिए कीटनाशक और रासायनिक खाद का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रहा है। बाजार में इन प्रतिबंधित कीटनाशक दवाइयों की खुलेआम बिक्री की जा रही है। कीटनाशक दवाइयों पर रोकथाम नहीं लगाया तो सारस का संवर्धन नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने इस पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को कीटनाशक के रोकथाम के लिए अब तक क्या उपाय किए गए इस पर जवाब दायर करने के आदेश दिए थे।


Created On :   10 Oct 2024 8:13 AM GMT

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