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Nagpur News: नई सरकार से निधि देने की उम्मीद , तीन सालों से जिले में 600 करोड़ रुपए की निधि का भुगतान नहीं
- बजट के कामों को लेकर लगातार प्रक्रिया
- चार विभागों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा
- निधि भुगतान का पत्र भेजा लेकिन आवंटन नहीं हो पाया
Nagpur News राज्य में विधानसभा चुनावों के पूरे हो जाने के बाद नई सरकार के गठन की हलचल चल रही है। तीनों दलों के बीच मुख्यमंत्री चयन का प्रयास हो रहा है। ऐसे में जिले के लोकनिर्माण विभाग के अधिकारी नई सरकार से 600 करोड़ रुपए की बकाया राशि के भुगतान की उम्मीद लगाए बैठे हैं। पिछले तीन सालों में शहरी और ग्रामीण इलाके में रास्ते, जिला मार्ग, राज्य महामार्ग का सीमेंटीकरण किया गया है, लेकिन 600 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान नहीं हुआ है। साल 2021-22 में 250 करोड़ रुपए, साल 2022-23 में 170 करोड़ रुपए और साल 2023-24 में 100 करोड़ रुपए के कामों का भुगतान नहीं हुआ है। ऐसे में जिले में चार विभागों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। हैरानी यह है कि पिछले साल के विधानमंडल के शीतसत्र के 70 करोड़ रुपए समेत 250 करोड़ रुपए की इमारत देखभाल की राशि का भी भुगतान नहीं हुआ है।
प्रतिवर्ष सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग से जिले के लिए 600 करोड़ का बजट प्रावधान किया जाता है। इस बजट प्रावधान में जिले के शहरी एवं ग्रामीण इलाके के रास्तों, पुल का निर्माणकार्य प्रस्तावित किया जाता है। इस बजट के कामों को लेकर लगातार प्रक्रिया हो रही है, लेकिन बजट कामों में सीमेंट रास्तों के कामों के पूरा होने के बाद भी अब निधि के भुगतान को लेकर परेशानी बनी हुई है। पिछले तीन सालों से पर्याप्त निधि का आवंटन नहीं होने से लोकनिर्माण विभाग मुश्किलों से घिर गया है। लोकनिर्माण विभाग क्रमांक 1, लोकनिर्माण विभाग क्रमांक 2, लोकनिर्माण विभाग क्रमांक 3 के साथ ही विशेष प्रोजेक्ट विभाग की करीब 500 करोड़ रुपए की निधि का भुगतान अटका हुआ है। इन कामों के पूरा होने के बाद भी निधि नहीं मिलने से विभाग के आला अधिकारी खासे परेशान हो गए हैं। ठेकेदार और ठेका एजेसियों से भुगतान को लेकर तकादा करने से परेशानी बढ़ गई है। विधानसभा चुनावों से पहले सितंबर माह में 305 करोड़ रुपए के कामों के लिए टेंडर प्रक्रिया को पूरा किया गया है, लेकिन इन कामों के लिए भी अब तक रकम नहीं मिली है।
तीन विधायकों के 45 करोड़ भी लंबित : जिले के ग्रामीण इलाके से जुड़े तीन विधायकों से प्रस्तावित 45 करोड़ रुपए की निधि का भी भुगतान नहीं हो पाया है। कामठी के निवर्तमान विधायक टेकचंद सावरकर, रामटेक के आशिष जायस्वाल और हिंगना के समीर मेघे का समावेश है। इन विधायकों ने प्रत्येक के क्षेत्र के लिए 15 करोड़ रुपए की निधि से सिमेंट रास्तों की अनुशंसा की थी। इसके लिए निधि भुगतान का पत्र भी भेजा गया था, लेकिन वास्तविकता में निधि का आवंटन नहीं हो पाया है।
विधानमंडल अधिवेशन की निधि भी अटकी : विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन पर भी निधि के संकट के बादल मंडरा रहे है। दिसंबर 2023 में संपन्न अधिवेशन में लोकनिर्माण विभाग क्रमांक 1 को करीब 70 करोड़ रुपए का खर्च आया था। अधिवेशन के बाद प्रस्तावों के साथ निधि भुगतान की मांग भी राज्य सरकार से की गई, लेकिन अब तक रकम मुहैया नहीं हो पाई। करीब दो माह पहले विभाग के सचिव के साथ आनलाइन बैठक में इस साल के अधिवेशन को लेकर चर्चा की गई। इस दौरान मुख्य अभियंता दिनेश नंदनवार, अधीक्षक अभियंता जनार्दन भानुसे और कार्यकारी अभियंता अभिजीत कुचेवार ने विधानमंडल अधिवेशन की रकम भुगतान करने की मांग की। इस मांग पर सचिव ने फटकार लगाते हुए खर्च पर कटौती करने का निर्देश दिया।
शीतसत्र आयोजन में करनी पड़ रही कटौती : लोकनिर्माण विभाग के राज्य भर में 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक की बकाया राशि है। पिछले साल के शीतकालीन अधिवेशन के साथ ही इमारत देखभाल और दुरूस्ती मिलकर करीब 350 करोड़ रुपए हो रहे है। इस रकम का भुगतान नहीं होने से दिक्कत हो रही है। इस साल के खर्च में खासी कटौती की गई है। संभावना है कि 50 करोड़ रुपए के खर्च में अधिवेशन को पूरा किया जाएंगा। बकाया राशि के आने पर ही व्यवस्था सुचारू हो सकेगी। -अभिजीत कुचेवार, कार्यकारी अभियंता, लोकनिर्माण विभाग क्रमांक 1
Created On :   29 Nov 2024 6:45 PM IST