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Nagpur News: मोगली के 400 वर्ग किमी के जंगल में कैमरे से की जा रही है निगहबानी
- आग से लेकर आपराधिक गतिविधियों पर नजर
- वन वभाग ने 6 महीने पहले इसे यहां लगाया
- महाराष्ट्र में पेंच व्याघ्र प्रकल्प 789 वर्ग किमी जंगल क्षेत्र में फैला
Nagpur News मोगली की कहानी के लिए दुनियाभर में मशहूर पेंच के जंगल में अत्याधुनिक कैमरे से निगहबानी की जा रही है। यह आगजनी की घटनाओं से लेकर आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। इसकी उच्च क्षमता क्वालिटी का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि लगभग 400 वर्ग किमी के जंगल पर केवल एक कैमरे से नजर रखी जा रही है। वन वभाग द्वारा 6 महीने पहले इसे यहां लगाया गया था, जो अभी तक दर्जनों आग की घटनाओं और अपराधिक गतिविधियों पर समय रहते अंकुश लगाने में कामयाब रहा है। इससे एक ओर जहां पेंच के जंगलों की सुरक्षा बढ़ी है, वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों व अधिकारियों की सुविधा में भी इजाफा हो रहा है।
400 वर्ग किमी पर नजर महाराष्ट्र में पेंच व्याघ्र प्रकल्प 789 वर्ग किमी जंगल क्षेत्र में फैला है। यहां 8 से अधिक बीट हैं। जंगल में बार-बार लगने वाली आग से वन विभाग लगातार परेशान रहता है। ऐसे में यहां पर एक अत्याधुनिक का कैमरा लगाया गया, जो 400 वर्ग किमी क्षेत्र पर नजर रख सकता है। अब यह कैमरा जंगल के लिए वरदान साबित हो रहा है। इसको लगाने के बाद पेंच व्याघ्र प्रकल्प को आगजनी की घटना से बड़ी राहत मिली है। इस नव क्रियान्वित प्रणाली में 15 किमी की दृश्य सीमा वाला एक उच्च-रिजोल्यूशन वाला कैमरा लगाया गया है, जो जंगल के 400 वर्ग किमी से अधिक क्षेत्र को प्रभावी ढंग से कवर करने की क्षमता रखता है। इस प्रणाली में 15 वाणिज्यिक उपग्रह सेवाओं का एकीकरण जंगल की आग प्रबंधन के लिए एक अभिनव दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है। एकाधिक उपग्रहों से प्राप्त सूचनाएं कैमरों द्वारा पहचाने गए अलर्ट में जुड़ जाती हैं।
इस तरह करता है काम : पेंटेरा नामक एआई-संचालित प्लेटफॉर्म, 3 मिनट के भीतर जंगल की आग पर वास्तविक समय अलर्ट प्रदान करने के लिए कैमरा फीड और उपग्रह-आधारित डेटा दोनों का लाभ उठाता है। भौतिक रूप से सिस्टम में पीटीजेड कैमरा वाला एक टावर और एक नियंत्रण कक्ष होता है। कैमरा स्थापित करने के लिए पेंच के उच्चतम बिंदुओं में से एक (समुद्र तल से लगभग 540 मीटर की ऊंचाई) पर पहले से मौजूद टावर का चयन किया गया था। चयनित स्थल किरिंग सारा गांव के पास है, जो लगभग पेंच के केंद्र में है। टावर कोलितमरा में पश्चिम पेंच वन प्रभाग कार्यालय में स्थित नियंत्रण कक्ष से जुड़ा है।
नहीं देता फेक अलर्ट : इस एआई प्रणाली की विशेषता धुएं और बादलों के बीच अंतर करने की क्षमता है। यह फेक अलर्ट को कम करता है। यह सुनिश्चित करता है कि अलर्ट सटीक और विश्वसनीय है। इसमे अंतर्निहित इंफ्रा-रेड विशेषताएं हैं, जो 24 घंटे काम करती है। इससे रात में भी आग लगने की घटनाओं की पहचान संभव है।
Created On :   11 Dec 2024 12:49 PM IST