Nagpur News: मनपा को झटका, फुटपाथ पर होर्डिंग्स नहीं , हाई कोर्ट ने लगाई पाबंदी

मनपा को झटका, फुटपाथ पर होर्डिंग्स नहीं , हाई कोर्ट ने लगाई पाबंदी
  • सरकार का नियम होगा लागू
  • मनपा की पुरानी नीति नहीं चलेगी

Nagpur News बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने सरकार द्वारा जारी किए नए नियम के तहत शहर में फुटपाथों पर विज्ञापन के होर्डिंग्स लगाने पर पाबंदी लगाई है। कोर्ट अपने आदेश में होर्डिंग्स को लेकर 2001 में तैयार की गई मनपा नीति को नहीं, बल्कि राज्य सरकार के 2022 के नियम को सही माना है। इसलिए अब शहर में होर्डिंग्स लगाने पर मनपा की पुरानी नीति नहीं, राज्य सरकार का नया नियम लागू होगा।

मनपा के तर्क से कोर्ट नाराज : शहर में फुटपाथों के अतिक्रमण और इससे नागरिकों को होने वाली परेशानी पर सिटीजन फोरम फॉर इक्वैलिटी के अध्यक्ष मधुकर कुकडे ने नागपुर खंडपीठ में यह जनहित याचिका दायर की है। याचिका पर मंगलवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने इस याचिका में नई अर्जी दायर करते हुए फुटपाथ पर लगाए जाने वाले विज्ञापन होर्डिंग्स का मुद्दा उठाया था। इस पर कोर्ट के ओदश के अनुसार मनपा ने स्पष्टीकरण देते कहा था कि नियम के तहत ही फुटपाथ पर विज्ञापन होर्डिंग्स लगाए गए हैं, लेकिन कोर्ट ने मनपा के स्पष्टीकरण पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब न्यायालय के आदेश स्पष्ट हैं, इसके बावजूद फुटपाथ पर होर्डिंग्स लगाए जाते हैं, तो यह न्यायालय की अवमानना मानी जाएगी, इन सख्त शब्दों में कोर्ट ने मौखिक नाराजगी जताई थी। साथ ही कोर्ट ने नई निविदा प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाते हुए फुटपाथों पर होर्डिंग लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

मनपा के तर्क : पिछली सुनवाई में मनपा अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि, 2001 में न्यायालय ने फुटपाथ और होर्डिंग्स को लेकर कुछ आदेश दिए थे। उसी आधार पर, मनपा ने 2001 में बाहरी विज्ञापन के लिए एक नीति बनाई। इस नीति की एक धारा के अनुसार, फुटपाथ पर 4.57 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई के होर्डिंग्स लगाए जा सकते हैं, बशर्ते कि इससे पैदल यात्रियों या आम जनता को कोई खतरा न हो, यह सुनिश्चित करना मनपा की जिम्मेदारी होगी।

याचिका में सवाल : वहीं दूसरी और याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार के 2022 के नए नियम के अनुसार, फुटपाथ पर होर्डिंग्स लगाने पर रोक लगाने की बात कही। साथ ही याचिकाकर्ता ने यह सवाल उठाया कि मनपा की नीति 2001 की है, जबकि राज्य का नियम हाल ही में 2022 में आया है और इसे नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया है। जब पूरे राज्य में सरकार का नियम लागू हो सकता है, तो नागपुर में केवल मनपा का नियम कैसे लागू होगा? कोर्ट ने दोनों का पक्ष सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रखा था। याचिकाकर्ता की ओर से एड. तुषार मंडलेकर और मनपा की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ एस. के. मिश्रा और एड. जेमिनी कासट ने पैरवी की।

निविदा प्रक्रिया वापस लेंगे या हम आदेश दें? : फुटपाथ पर विज्ञापन के होर्डिंग्स लगाने को लेकर मनपा ने निविदा जारी की थी, लेकिन अब होर्डिंग्स को लेकर 2001 में तैयार की गई मनपा नीति अवैध ठहराया गया है। इसलिए कोर्ट ने मनपा से सवाल किया कि निविदा प्रक्रिया आप वापस लेंगे या हम आदेश दें? इस पर मनपा को एक सप्ताह में जवाब दायर करना है।


Created On :   2 April 2025 1:15 PM IST

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