Nagpur News: विदर्भ में बनेगी मलेरिया की दवा, 250 करोड़ की लागत से लोगों को मिलेगा रोजगार

विदर्भ में बनेगी मलेरिया की दवा, 250 करोड़ की लागत से लोगों को मिलेगा रोजगार
  • अप्रैल में शुरू होगा ट्रायल प्रोडक्शन
  • देश में कंपनी का पहला ग्रीन प्लांट

Nagpur News : विदर्भ अब कपास, कोयला और लोहे के साथ दवाओं के लिए भी प्रसिद्ध हाेगा। वैश्विक एकीकृत फार्मा कंपनी आईपीसीए ने 1999 में वर्धा जिले के हिंगनी गांव में नोबल एक्सप्लोचेम की 700 एकड़ जगह खरीदी थी, जहां 250 करोड़ की लागत से यह प्लांट लगाया गया है। इस प्लांट में इन्ग्रेडिएन्ट्स और इंटरमीडिएट सुविधा शुरू की जाएगी।

देश में कंपनी का पहला ग्रीन प्लांट

कंपनी के एक्जिक्यूटिव चेयरमैन प्रेमचंद लोढा ने बताया कि देश में कंपनी का यह पहला ग्रीन प्लांट होगा। इसे चलाने के लिए अगले साल 15 मेगावॉट का सोलर प्लांट लगाया जाएगा। पहले फेज में इस प्लांट में 250 करोड़ का निवेश किया गया है। यहां मलेरिया और हाइपरटेंशन की दवा के साथ ही इंटरमीडिएट तैयार किए जाएंगे। आरंभिक दौर में इस प्लांट के माध्यम से विदर्भ के 200 से 300 लोगों को रोजगार मिलेगा। यहां से निर्यात भी किया जाएगा। आने वाले समय में महाराष्ट्र के महाड स्थित कंपनी के प्लांट को भी यहां स्थानांतरित किया जाएगा।

अप्रैल में शुरू होगा ट्रायल प्रोडक्शन

प्रेमचंद लोढा ने बताया कि प्लांट में अप्रैल 2025 से ट्रायल प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा। कंपनी के देश भर में 31 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं, जिनमें से 8 महाराष्ट्र में, 7-7 मध्यप्रदेश और गुजरात तथा 9 प्लांट अन्य राज्यों में है। कंपनी का पिछले वित्त वर्ष में 7200 करोड़ का टर्नओवर था, जो इस साल 8000 करोड़ तक पहुंच जाएगा। कंपनी के 350 से भी अधिक ब्रांड हैं। कंपनी ने यहां एक बायो-पेलेट्स प्लांट भी लगाया है।

चीन का एकाधिकार खत्म किया

उन्होंने बताया कि मलेरिया की दवा की सर्वाधिक खपत भारत में है। चीन इसके इंटरमीडिएट का सबसे बड़ा उत्पादक था। आईपीसीए भी पहले चीन से ही इंटरमीडिएट खरीदती थी, लेकिन हमने उसका एकाधिकार खत्म कर दिया है। आईपीसीए अब दुनिया की सबसे बड़ी इंटरमीडिएट प्रोड्यूसर बन गई है। हम अन्य देशों को इंटरमीडिएट का निर्यात भी करते हैं।

अमिताभ बच्चन के थे 50% शेयर

नागपुर में आयोजित एडवांटेेज विदर्भ में शामिल होेने आए प्रेमचंद लोढा ने बताया कि इस कंपनी में अमिताभ बच्चन के 50 प्रतिशत शेयर थे। 1996 में आर्थिक तंगी के चलते उन्होंने अपने सारे शेयर बेच दिए थे।

Created On :   9 Feb 2025 5:59 PM IST

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