Nagpur News: मैनेजमेंट काउंसिल की दो सीटों पर शिक्षण मंच ने लहराया परचम

मैनेजमेंट काउंसिल की दो सीटों पर शिक्षण मंच ने लहराया परचम
  • डॉ. उज्ज्वला डांगे, डॉ. क्षितिजा कदम की एकतरफा जीत
  • विद्या परिषद में होते हैं कुल 60 सदस्य

Nagpur News राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की प्रबंधन परिषद (मैनेजमेंट काउंसिल) की दो सीटों के लिए हुए चुनाव में विश्वविद्यालय शिक्षण मंच ने जीत का परचम लहराया। चुनाव में खुले वर्ग से शिक्षण मंच के डॉ. उज्ज्वला डांगे और महिला वर्ग से डॉ. क्षितिजा कदम ने एकतरफा जीत हासिल की है।

विद्या परिषद से प्रबंधन परिषद के लिए यह चुनाव हुआ। विश्वविद्यालय शिक्षण मंच की ओर से खुले वर्ग में डॉ. उज्ज्वला डांगे बनाम यंग टीचर के डॉ. शरद डवरे और डॉ. शालिनी लिहितकर के बीच मुकाबला हुआ। जिसमें डॉ. उज्ज्वला डांगे को 42 वोट, डॉ. डवरे को 4 वोट मिले, जबकि डॉ. लिहितकर को केवल 5 वोट मिले। इसमें डॉ. डांगे ने 33 वोटों से जीत हासिल की। महिला वर्ग में डॉ. क्षितिजा कदम बनाम डॉ. शालिनी लिहितकर के बीच मुकाबला हुआ। जिसमें डॉ. कदम ने 40 वोट के साथ जीत हासिल की, जबकि डॉ. लिहितकर को केवल 11 वोट मिले। विश्वविद्यालय शिक्षण मंच के दोनों प्रत्याशियों ने जोरदार वोटों से जीत हासिल की है। शिक्षण मंच की अध्यक्षा डॉ. कल्पना पांडे, महामंत्री डॉ. सतीश चाफले, डॉ. दत्ता वाटमोडे, प्रबंधन परिषद के सदस्य डॉ. योगेश भुते, अजय अग्रवाल, डॉ. अनंत पांडे, डॉ. तुषार चौधरी, पांडुरंग डांगे, डॉ. प्रमोद फटिंग, डॉ. मिलिंद गुल्हाने की मौजूदगी में जीत का जश्न मनाया गया।

इसलिए यह चुनाव हुआ : विद्या परिषद में कुल 60 सदस्य होते हैं। जिनमें से 52 सदस्य नामनिर्देशित होते हैं और 8 सदस्य चार शाखाओं से दो-दो निर्वाचित होते हैं। जैसे ही इन 8 सदस्यों में से 6 सेवानिवृत्त होते हैं, स्थायी समिति उन सीटों पर दोबारा चुनाव किए बिना प्रत्येक शाखा से एक योग्य व्यक्ति को सदस्य के रूप में नामित करती है। विश्वविद्यालय अधिनियम ने चयन की शक्तियां स्थायी समिति को दी हैं। इसके अनुसार 6 उम्मीदवारों का चयन विद्या परिषद में हुआ है। इसमें से एक महिला और एक खुले वर्ग के उम्मीदवार का प्रबंधन परिषद के लिए यह चुनाव लिया गया।

आवेदन को लेकर हुआ था विवाद : डॉ. उज्ज्वला डांगे और डॉ. मिलिंद गुल्हाने इन दोनों उम्मीदवारों के आवेदन को स्क्रूटनी कमेटी ने वैध घोषित कर दिया था। इसके बाद आवेदन प्र-कुलगुरु की निगरानी समिति के समक्ष गया। समिति ने आवेदन को इस आधार पर अवैध कर दिया था कि विद्या परिषद में स्थायी समिति द्वारा नामित सदस्य प्रबंधन परिषद में नहीं जा सकते। शिक्षण मंच ने आरोप लगाया था कि कानून में ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है, इसके बावजूद भी आवेदन अवैध कर दिया था। इसके बाद कुलगुरु की कमेटी ने इन आवेदनों को वैध ठहराया।

Created On :   8 Jan 2025 1:46 PM IST

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