- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- एक मिनट की देरी, नामांकन दर्ज नहीं...
Nagpur News: एक मिनट की देरी, नामांकन दर्ज नहीं करा पाए पूर्व मंत्री अहमद, वापस लौट
- प्रदर्शन के बाद भी मिली निराशा
- वंचित बहुजन आघाडी ने दी थी उम्मीदवारी
- सुरक्षा कर्मचारियों ने वापस लौटाया
Nagpur News : विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दर्ज कराने के लिए एक मिनट की देरी पूर्व मंत्री अनीस अहमद को भारी पड़ी। मंगलवार को उन्हें नामांकन दर्ज किए बिना ही निर्वाचन अधिकारी कार्यालय परिसर से वापस लौटना पड़ा। वे चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद ने सोमवार को राजगृह मुंबई में वंचित बहुजन आघाडी में प्रवेश लिया था। वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने अहमद को मध्य नागपुर से आघाडी का उम्मीदवार घोषित किया। 22 अक्टूबर से नामांकन प्रकिया आरंभ हुई है। मंगलवार 29 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे नामांकन दर्ज कराने की अवधि समाप्त हो गई। इसी दिन भाजपा के 3 व कांग्रेस के 5 उम्मीदवारों ने नामांकन दर्ज कराए। जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय परिसर में मध्य नागपुर के लिए अलग से कक्ष था।
अहमद की ओर से उनके वकील नामांकन दर्ज कराने की तैयारी में थे। विलंब होते देख अहमद एक बेरिकेड को हटवाकर वाहन सहित निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार के पास पहुंचे। वे कुछ कार्यकर्ताओं के साथ भीतर पहुंचे। लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें निर्वाचन कक्ष में नहीं जाने दिया। अहमद की सुरक्षाकर्मियों के साथ कहासुनी भी हुई। लेकिन उन्हें नामांकन दर्ज कराने की अनुमति नहीं मिल पायी। वापस लौटना पड़ा। बाद में अहमद ने निर्वाचन अधिकारी कार्यालय परिसर व अपने जनसंपर्क कार्यालय में प्रशासन के विरोध में प्रदर्शन किया। उल्लेखनीय है कि सोमवार को इसी तरह का वाकया काटोल में हुआ था। राकांपा शरद गुट ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के पुत्र सलिल देशमुख को उम्मीदवारी दी है। सलिल की नामांकन रैली निकली। लेकिन निर्वाचन अधिकारी के कक्ष तक पहुंचने में 2 मिनट देरी होने से उन्हें नामांकन किए बिना वापस लौटना पड़ा था। सलिल ने मंगलवार की सुबह उपविभागीय कार्यालय में जाकर अपना नामांकन दर्ज कराया।
6 मतों से हारे थे अहमद
1989 में अनीस अहमद ने मध्य नागपुर में पहली बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था। तब 6 मतों के अंतर से हारे थे। निर्वाचन अधिकारियों के विरोध में उन्होंने याचिका दी। पुर्नमतगणना करायी। फिर भी वे जीत नहीं पाए थे। हालांकि वे 3 बार इसी क्षेत्र से चुनाव जीते। 3 बार मंत्री भी रहे। अहमद कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर संगठन कार्य का दायित्व संभालते रहे हैं। 2 से 3 राज्यों में वे कांग्रेस के विधानसभा चुनाव निरीक्षक रहे हैं।
मेरे साथ अन्याय
अनीस अहमद ने कहा कि मेरे साथ अन्याय हुआ है। मध्य नागपुर में हलबा, मुस्लिम व अनुसूचित वर्ग का काफी जनसमर्थन मुझे मिला था। प्रमुख दलों को पराजय नजर आने लगी थी। प्रशासन ने मेरे साथ अन्याय किया है।
Created On :   29 Oct 2024 1:50 PM GMT