Nagpur News: कवि प्रदीप ने ‌ऐ मेरे वतन के लोगो.. ‌गीत की रायलटी की रकम शहीद जवानों के सुरक्षा कोष में दी थी - प्रकाश दुबे

कवि प्रदीप ने ‌ऐ मेरे वतन के लोगो.. ‌गीत की रायलटी की रकम शहीद जवानों के सुरक्षा कोष में दी थी - प्रकाश दुबे
  • कवि प्रदीप जी की 110 वीं वर्षगांठ मनाई गई
  • दैनिक भास्कर के समूह संपादक प्रकाश दुबे हुए शामिल
  • हिंदी मोर भवन के मधुरम सभागृह में आयोजन

Nagpur News : दादा साहब फालके पुरस्कार से सम्मानित कवि प्रदीप जी की 110 वीं वर्षगांठ मनाई गई। इस अवसर पर विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन व कवि प्रदीप फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में उमंग के बैनर तले अनूठा संगीतमयी कार्यक्रम ‌’एक दीप कवि प्रदीप‌’‘ का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे दैनिक भास्कर के समूह संपादक, प्रकाश दुबे ने अपने अध्यक्षीय भाषण में बताया कि वह शुरु से ही कवि प्रदीप जी की रचनाओं और उनके सरल स्वभाव से आकर्षित थे। उनकी सादगी व विशाल हृदय के बारे में कहा कि कैसे स्वेच्छा से ‌’ऐ मेरे वतन के लोगो... ‌’ गीत की रायलटी की रकम शहीद जवानों के सुरक्षा कोष में दान दे दी थी। यह वही गीत था, जिसे सुनकर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की आंखे छलक उठी थी। लता मंगेशकर की आवाज आज भी करोड़ों देशवासियों का गला भर देती है।

सीताबर्डी स्थित हिंदी मोर भवन के मधुरम सभागृह में स्व. कवि प्रदीप के जीवन एवं कालजयी रचनाओं पर आधारित कार्यक्रम सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुवात दीप प्रज्वलन से हुई। कार्यक्रम के संयोजक और संयुक्त मंत्री श्री उमेश शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के साहित्य मंत्री डॉ. सागर खादीवाला ने सदन को संस्था की गतिविधियों की जानकारी दी। बी. सी. भरतिया, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय व्यापारी परिसंघ, नई दिल्ली ने अपने विचार व्यक्त किए।

कवि प्रदीप फाउंडेशन के अध्यक्ष, पूर्व सांसद अविनाश पांडे ने कवि प्रदीप जी के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए फाउंडेशन के माध्यम से कवि प्रदीप जी के विचारों व आदर्शों को नई पाढ़ी तक पहुंचाने के लिए किए जाने वाले कार्यों के बारे में जानकारी दी।

कवि प्रदीप की बेटी मितुल प्रदीप बतौर प्रमुख अतिथि शामिल हुईं। उन्होंने अपने पिता कवि प्रदीप जिन्हेें वह बापू कहकर सम्बोधित किया करतीं थी, उनकी जीवन शैली व कई रोचक किस्सों के बारे में बताया।

कार्यक्रम में सुर-संगम की श्रीमती सुरभी ढोमने, सचिन ढोमने व सह कलाकारों ने कवि प्रदीप रचित गीतों का जो सामान्य जन-मानस में राष्ट्रीय चेतना. नैतिकता व मानवीय मूल्यों को प्रतिपादित करने वाले गीतों को अत्यंत कलात्मक ठंग से प्रस्तुत किया गया|

‌’आओ बच्चो तुम्हें दिखायें झॉंकी हिंदुस्तान की‌’... ‌’दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल‌’... ‌’हम लाये हैं तुफान से कश्ती निकाल के‌’... ‌’इंसान का इंसान से हो भाईचारा, यही पैगाम हमारा‌’... ‌’देख तेरे इंसान की हालत क्या हो गयी भगवान‌’... ‌’पिंजरे के पंछी रे तेरा दर्द न जाने कोये‌’... ‌’चल अकेला, चल अकेला, चल अकेला, तेरा मेला पीछे छूटा राही चल अकेला‌’ ... जैसे अनेक गीतों की ऑडियो-विज्युअल प्रस्तुति को श्रोताओं ने खूब सराहा| कार्यक्रम के आखरी गीत ‌’ऐ मेरे वतन के लोगो...‌’ ने श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया| सूत्रधार डॉ. मनोज साल्पेकर ने कार्यक्रम को और भी रोचक बना दिया। उमंग उपक्रम के संयोजक उमेश शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन व आभार प्रदर्शन किया|


Created On :   9 Feb 2025 7:52 PM IST

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