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Nagpur News: जंगल में नया साल मनाने की होड़, सफारियां 2 जनवरी तक हो चुकी हैं बुक
- सफारियां 2 जनवरी तक बुक
- सफारियां 2 जनवरी तक हो चुकी हैं बुक
Nagpur News : जंगल में नया साल मनाने की मानो होड़ मच गई है। 2 जनवरी तक सफारी फुल हो गई है। ऑनलाइन टिकट उपलब्ध नहीं है, लेकिन ऑन स्पॉट बुकिंग स्लॉट खुला है। अधिकारियों की मानें तो यह सफारी खुलने के पहले ही बुक हो रहा है। विदर्भ में कई जंगल सफारियां हैं, जिसमें पेंच, उमरेड, ताडोबा, नागझिरा, बोर आदि शामिल हैं। इन सभी जंगल सफारियों में इन दिनों सैलानियों की जमकर भीड़ उमड़ रही है। केवल नागपुर जिले की बात करें तो यहां उमरेड-करांडला, पेंच व्याघ्र प्रकल्प व बोर व्याघ्र प्रकल्प का कुछ हिस्सा और हाल ही में खुली मोगरकसा जंगल सफारी है।
करांडला में स्थिति
करांडला में गत वर्ष पर्यटकों को सोमवार से शुक्रवार तक कुल 38 सौ 25 रुपये देने पड़ते थे। 6 लोग सफारी घूम सकते थें। इसमें फॉरेस्ट परमिट का 850, जिप्सी पेमेंट 2500 गाइड का पेमेंट 475 देना पड़ता था। कैमरा चार्ज नहीं लिया जा रहा था। इस बार इसी पेमेंट को 4 हजार 4 सौ 75 कर दिया है। इसमें फॉरेस्ट परमिट के 1500, जिप्सी पेमेंट 2500, गाइड पेमेंट 475 लेकर कैमरा शुल्क 2 सौ व 4 सौ रुपये कैमरा देखकर लिया जा रहा है। शनिवार व रविवार को तो 4 हजार 9 सौ 75 रुपए पर्यटकों से लिये जा रहे हैं। इसमें फॉरेस्ट चार्ज ही 2 हजार रखा गया है।
सफारी का खर्च महंगा
गत वर्ष की तुलना इस बार सफरी का खर्चा बढ़ गया है। एक सफारी के लिए 5 हजार 5 सौ 25 रुपये देना पड़ता है। 6 सैलानी सवार हो सकते हैं। गत वर्ष 5025 रुपये चार्ज लगता था। इसके अलावा यहां रहने के लिए वन विभाग के टुरिस्ट कॉम्पलेक्स हैं। इनके रेट भी बढ़े हैं। वन विभाग के वेस्ट पेंच में सुरेवानी व कोलीतमारा में एक, इस्ट पेंच में सिल्लारी में एक, चोर बाहुली में एक रेस्ट रूम है। अभी तक इसमें 22 सौ रुपये लिये जाते थे, लेकिन अब 24 सौ प्लस 12 प्रतिशत जीएसटी ली जा रही है। निजी के रेट तो एक व्यक्ति के पीछे 3 हजार तक पहुंच गया है।
साल के पहले दिन बाघ के दीदार की उम्मीद
नागपुर जिले में सबसे बड़ी जंगल सफारी पेंच व्याघ्र प्रकल्प की है। यह 789 वर्ग किमी में फैला जंगल है। यहां कुल 7 सफारी गेट हैं, जिसमें ईस्ट पेंच में सिल्लारी, खुर्सापार, चोरबाहुली और वेस्ट पेंच में नागलवाड़ी, कोलीतमारा, सुरेवानी, खुबाड़ा आदि गेट हैं। यहां प्रति दिन हजारों की संख्या में सैलानी आते हैं। जंगल में कुल 50 से ज्यादा बाघ मौजूद हैं। तेंदुओं की संख्या इससे भी ज्यादा है। ऐसे में यह जंगल विदेशियों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। इसके अलावा नागपुर का उमरेड-करांडला भी सैलानियों को आकर्षित कर रहा है। यह क्षेत्र छोटा है, लेकिन यहां बाघों की संख्या क्षेत्र से ज्यादा है। ऐसे में यहां आसानी से बाघ देखने को मिलते हैं। यहां एक दिन में 180 जिप्सियां जंगल भ्रमण कराती हैं। 2 हजार से ज्यादा सैलानी जंगल घूमने का मजा लेते हैं। सिल्लारी में सबसे ज्यादा 35 जिप्सियां एक बार में यानी 50 जिप्सी दिनभर में चलती हैं। वही खुर्सापार में 25 जिप्सियां दिनभर में 50 जिप्सी, चोरबाहुली में 12 जिप्सियां यानी दिनभर में 24 जिप्सियां चलती हैं। नागलवाड़ी में 14, सालेघाट में 10 व खुबाडा आदि में 10-10 जिप्सियां चलाई जाती है।
Created On :   24 Dec 2024 7:51 PM IST