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Nagpur News: गुमशुदा मौत डायरी में दफन- तो कुछ अनसुलझे रह जाते हैं, बस पुलिस से ही उम्मीद
- पुलिस तभी मामला दर्ज करती है
- सबसे कम बजाजनगर और जुनी कामठी में दर्ज
Nagpur News : उपराजधानी में आकस्मिक मौत से जुड़े मामले शहर पुलिस के लिए सिरदर्द से कम नहीं। आकस्मिक मौत के मामले में दर्ज होने वाले अज्ञात व्यक्तियों का पता लगाने में पुलिस को नाको चने चबाने पड़ जाते हैं। फिर भी कुछ का पता चल पाता है तो कुछ मामले बस आकस्मिक मौत के मामले ही बनकर पुलिस की फाइलों में बंद रख दिए जाते हैं। इधर, अपनों को खोने वाले को बस पुलिस से ही पूरी उम्मीद होती है।
इन थानों में संख्या ज्यादा : संतरानगरी में भी आकस्मिक मौत से जुड़े ऐसे कई मामले सामने आते रहते हैं, जो अनसुलझे रह जाते हैं या पुलिस को उन्हें सुलझाने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं होती है। इस साल शहर के हुडकेश्वर, अजनी, जरीपटका, हिंगना थाने में आकस्मिक मृत्यु के सबसे अधिक मामले दर्ज हुए।
इस साल ऐसे 1600 से अधिक मामले : पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हर साल नागपुर में आकस्मिक मौत के अलावा हादसों में जान गंवाने वालों की मौत का रिकार्ड लगातार बढ़ता ही जा रहा है। नागपुर में इस साल आकस्मिक मौत से जुड़े करीब 1600 से अधिक मामले शहर के विविध थानों में दर्ज किए गए। आंकड़ों की मानें तो ऐसे दर्ज मामलों में से हर साल पुलिस करीब 10 प्रतिशत मामले नहीं सुलझा पाती है। उसके पीछे कई तरह के तर्क वितर्क दिए जाते हैं।
कहां, कितनी आकस्मिक मौतें हुईं
थाना का नाम संख्या
हुडकेश्वर -170
अजनी -150
जरीपटका -125
कलमना -125
हिंगना -125
पांचपावली- 110
लकड़गंज -100
गिट्टीखदान -100
तहसील- 100
पुलिस डायरी बंद कर दी जाती है
हर थाने में संबंधित मामले के लिए स्क्वॉड बनाए गए हैं लेकिन यह भी कई बार आकस्मिक मौत से जुड़े मामले में फिसड्डी साबित हो जाते हैं तब उस मामले की पुलिस डायरी को बंद कर दिया जाता है।
पुलिस की ओर से यह तर्क : पुलिस की ओर से तर्क दिया जाता है कि भिक्षा मांगकर जीवन यापन करनेवाले व्यक्ति की मौत होने पर उसके बारे में पुलिस पूरी तरह से पता लगाने में असफल रहती है। ऐसे मामले में अक्सर पुलिस की ओर से आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया जाता है।
पुलिस तभी मामला दर्ज करती है
आकस्मिक मृत्यु के मामले में पुलिस तब यह मामला दर्ज करती है, जब कोई लावारिस हालत में सड़क पर पड़ा कहीं मिले, कहीं झाड़ियों में मिले और उसकी पहचान न हो सके। किसी नदी, झरना, कुएं या तालाब में शव मिले और उसकी पहचान नहीं हो पाती है, तब पुलिस उस मामले में आकस्मिक मौत का मामला दर्ज करती है। कई बार बिल्डिंग से गिरने पर मौत होने या किसी कारखाने या कंपनी में कोई घटना या विस्फोट होने पर मौत होने के मामले में अज्ञात कारण का मामला दर्ज किया जाता है। आत्महत्या या फिर किसी हादसे से जुड़े मामले में किसी शव मिलने पर अक्सर आकस्मिक मौत के रूप में पुलिस थाने में दर्ज किया जाता है।
हुडकेश्वर में सबसे अधिक मामले
नागपुर में इस साल सबसे आत्महत्या और हादसे से जुड़े मामले में पुलिस ने आकस्मिक मृत्यु यानी की मर्ग के 1600 से अधिक मामले दर्ज किए हैं। इसमें हुडकेश्वर थाने में सबसे अधिक 170 मामले दर्ज किए गए। अजनी, एमआईडीसी में 150 मामले, जरीपटका में 125 और अजनी में 150 आकस्मिक मृत्यु के मामले दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार इन थानों में दर्ज किए गए आकस्मिक मौत के करीब 10 प्रतिशत मामले अभी भी पुलिस नहीं सुलझा पाई है। इस बारे में संबंधित थाने के अधिकारियों की मानें तो मामले की जांच जारी है।
सबसे कम बजाजनगर और जुनी कामठी में दर्ज
सूत्रों के अनुसार सबसे कम आकस्मिक मृत्यु के मामले बजाजनगर, कोतवाली, शांतिनगर, जुनी कामठी में दर्ज हुए हैं। बजाजनगर में 27 और बाकी जगह पर 30 से 35 आकस्मिक मौत से जुड़े मामले दर्ज होने की जानकारी पुलिस विभाग से जुड़े सूत्रों ने दी है।
Created On :   29 Dec 2024 7:08 PM IST