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Nagpur News: दुर्गापुर कोयला खदान के विस्तार का मामला, पेड़ों की कटाई पर अंतरिम राेक
- वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए इस परियोजना को रद्द करने की मांग
- दायर की गई है याचिका , कोर्ट ने लगाई फटकार
- अब देना होगा जल्द ही जवाब
Nagpur News चंद्रपुर के पास दुर्गापुर ओपन कास्ट कोयला खदान के विस्तार के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने इस याचिका में पर्यावरण और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए इस परियोजना को रद्द करने की मांग की है। इस मामले में हुई सुनवाई में प्रतिवादियों ने पिछले चार महीने से जवाब दाखिल न करने की बात सामने आई। इस पर कोर्ट ने प्रतिवादियों को जमकर फटकार लगाते हुए दाे सप्ताह में जवाब दाखिल करने के आदेश दिए। साथ ही कोर्ट ने अंतरिम आदेश भी दिया कि अगली तारीख तक पेड़ न काटें।
कोयला उत्पादन बढ़ाने किया विस्तार : याचिका पर न्या. नितीन सांबरे और न्या. वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई। नागपुर खंडपीठ में प्रकृति फाउंडेशन के अध्यक्ष दीपक दीक्षित ने यह जनहित याचिका दायर की है। याचिका के अनुसार, कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए वेकोली की दुर्गापुर खदान का 121.58 हेक्टेयर वन भूमि में विस्तार किया जाना है। इस परियोजना को मंजूरी मिल गई है। लेकिन, यह निर्णय लेते समय पर्यावरण पर इस परियोजना के प्रभाव का गहराई से अध्ययन नहीं किया गया। खदान विस्तार के लिए उपयोग की जाने वाली वन भूमि कई जंगली जानवरों जैसे बाघ, तेंदुए, भालू आदि का अधिवास है। वन एक ऐसा संसाधन है जो पर्यावरण को समृद्ध बनाता है।
वन्यजीवों पर होगा असर : यह क्षेत्र मुख्य क्षेत्र से 12 किमी और ताडोबा-अंधारी बाघ संरक्षण परियोजना के बफर जोन से केवल 1.25 किमी दूरी पर है। खदान के विस्तार की स्थिति में करीब 60 हजार पेड़ काटे जाएंगे। इससे वन्यजीवों के आवास पर असर पड़ेगा। वे शहर की ओर भागेंगे और मानव-पशु संघर्ष की स्थिति बनेगी। यह इलाका पहले से ही बेहद संवेदनशील है। इसलिए याचिकाकर्ता ने दुर्गापुर ओपन कास्ट कोयला खदान के विस्तार की परियोजना रद्द करने की मांग की है। इस मामले में बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने उक्त आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता की ओर से एड. महेश धात्रक ने पैरवी की।
Created On :   5 Dec 2024 12:37 PM IST