Nagpur News: बुटीबोरी हादसा, अब तक किसी पर कार्रवाई नहीं एनएचएआई की भूमिका पर सवाल

बुटीबोरी हादसा, अब तक किसी पर कार्रवाई नहीं एनएचएआई की भूमिका पर सवाल
  • अधिकारी व कंपनी की जिम्मेदारी नहीं हुई तय
  • लंबे जाम से जनता हो रही है परेशान
  • 50 साल की थी गारंटी, 3 साल में ही गड़बड़ी

Nagpur News बुटीबोरी फ्लाई आेवर हादसे को लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) नागपुर की भूमिका भ्रम फैला रही है। हादसे की जिम्मेदारी अब तक तय नहीं हो सकी है। एनएचएआई की तरफ से अभी तक अधिकारी या ठेका कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इतने बड़े हादसे के बाद भी एनएचएआई कार्रवाई के लिए किसकी मंजूरी का इंतजार कर रही है, यह सवाल बना हुआ है। नागपुर जिले का यह सबसे व्यस्त हाई-वे है । पिछले 5 दिनों से फ्लाई आेवर बंद होने से वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं।

आरोप, सफाई और रटा-रटाया जवाब : हादसे को लेकर एनएचएआई का रटा-रटाया जवाब है कि भारी भरकम वाहन के गुजरने से कैंटीलीवर कनेक्शन ब्रेक हुआ है, जबकि बात केवल इतनी सी नहीं है। स्पैन का ढांचा नीचे आ गया है। जिस कंपनी ने इस फ्लाई आेवर को बनाया, उसने 50 साल मजबूती की गारंटी दी थी, जबकि फ्लाई ओवर के बने अभी तीन साल ही हुए हैं। एनएचएआई की भूमिका जानकर भी अनजान बनने जैसी लग रही है। भारी भरकम वाहन को वर्धा जिले के दारोडा में रोका गया है, जबकि ‘यह’ वाहन कंपनी के टोल नाके से गुजरा कैसे आैर भारी भरकम वाहन गुजरते समय इसके वजन की कोई जांच नहीं हुई।

अनुमति 135 टन की और वजन निकला 187 टन : केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय से 135 टन की अनुमति मिली थी, जबकि जांचने पर इसका वजन 187 टन निकला। यह जिले का सबसे व्यस्त फ्लाई आेवर है आैर पिछले 5 दिन से फ्लाई अोवर से यातायात बंद किया गया है। वीएनआईटी की रिपोर्ट आने के बाद यातायात शुरू करने की सफाई एनएचएआई की तरफ से दी जा रही है।

भारी भरकम वाहन का वजन चेक करने की व्यवस्था नहीं : 10 एक्सल, 13 एक्सल या इससे ज्यादा एक्सल वाले लोडेड वाहन का वजन चेक करने की देश में व्यवस्था नहीं होने का खुलासा हुआ है। अनुमति कम की आैर आेवरलोड वाहन इसी तरह गुजरते है आैर हादसा होने के बाद सच्चाई सामने आती है। परिवहन मंत्रालय व एनएचएआई को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। इतने बड़े हादसे के बाद भी केंद्रीय परिवहन मंत्रालय या एनएचएआई की दिल्ली से कोई एक्सपर्ट टीम मुआयना करने अभी तक नागपुर नहीं पहुंची है।

केंद्रीय टीम की जांच के बाद तय होगी जिम्मेदारी : अभी तक वीएनआईटी की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद फ्लाई आेवर से यातायात शुरू करने का निर्णय होगा। दिल्ली से 4 सदस्यीय केंद्रीय टीम नागपुर पहुंचेगी। इसमें 3 स्वतंत्र ब्रिज एक्सपर्ट व एक शासकीय अधिकारी होंगे। 3 महीने तक जांच चल सकती है। केंद्रीय टीम की जांच रिपोर्ट के बाद जिम्मेदारी तय होगी। जिम्मेदारी तय होने के बाद ठेका कंपनी टीएनटी या अधिकारी पर कार्रवाई हो सकती है। प्रारंभिक जांच में हादसे का कारण आेवरलोड वाहन होने की बात सामने आई है। 135 टन की जगह 187 टन (आेवरलोड) माल होने की रिपोर्ट केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को भेजी जा रही है। इतना ज्यादा वजन मापने की यहां व्यवस्था नहीं है। अनुमति से ज्यादा माल ले जाने के आरोप में एफआईआर की जाएगी। -आर. पी. सिंह, रीजनल आफिसर एनएचएआई नागपुर.

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  • 30 Dec 2024 4:14 PM IST

    वाहनों की लंबी कतारें

    बुटीबोरी फ्लाई ओवर हादसे को लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) नागपुर की भूमिका भ्रम फैला रही है। हादसे की जिम्मेदारी अब तक तय नहीं हो सकी है। एनएचएआई की तरफ से अभी तक अधिकारी या ठेका कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इतने बड़े हादसे के बाद भी एनएचएआई कार्रवाई के लिए किसकी मंजूरी का इंतजार कर रही है, यह सवाल बना हुआ है। नागपुर जिले का यह सबसे व्यस्त हाई-वे है । पिछले 5 दिनों से फ्लाई आेवर बंद होने से वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं।

Created On :   30 Dec 2024 4:02 PM IST

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