Nagpur News: ऐ मेरे वतन के लोगो जरा आंख में भर लो पानी....के रचयिता कवि प्रदीप को अनूठे अंदाज में करेंगे याद

ऐ मेरे वतन के लोगो जरा आंख में भर लो पानी....के रचयिता कवि प्रदीप को अनूठे अंदाज में करेंगे याद
  • विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन में संगीतमय शाम का आयोजन
  • सुरभी ढोमणे, तबला वादक सचिन ढोमणे और डॉ मनोज साल्पेकर की प्रस्तुति

Nagpur News : दादा साहेब फालके पुरस्कार से सम्मानित कवि प्रदीप की 110 वीं वर्षगांठ के अवसर पर विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन में संगीतमय शाम का आयोजन किया जा रहा है। गुरुवार 6 फरवरी शाम 6 बजे मोरभवन में (एक दीप कवि प्रदीप) कार्यक्रम के दौरान दैनिक भास्कर के समूह संपादक प्रकाश दुबे बतौर अध्यक्ष शामिल होंगे। कार्यक्रम के संयुक्त मंत्री और संयोजक उमेश शर्मा ने बताया कि कवि प्रदीप की बेटी सुश्री मितुल प्रदीप प्रमुख अतिथि के रूम में शिरकत करेंगी। इस अनूठे संगीतमयी कार्यक्रम में सुरभी ढोमणे, तबला वादक सचिन ढोमणे और डॉ मनोज साल्पेकर प्रस्तुति देने आ रहे हैं। जिसमें प्रदीप की खास रचनाओं को बाखूबी पेश किया जाएगा।


इतिहास के झरोखे से कुछ अनसुने पल

आपको बतादें 1962 में चीन से हार के दो महीने बाद 26 जनवरी के अगले दिन यानी 27 जनवरी को दिल्ली में एक चैरिटी शो रखा गया। इस शो में देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को शामिल होना था। आयोजकों ने प्रदीप से कहा था कि इस कार्यक्रम के लिए आप कोई जोश से भरा देशभक्ति गीत लिख दीजिए। उनके आग्रह पर प्रदीप ने उन्हीं चंद लाइनों से पूरा गीता बना लिया, जो उन्होंने समुंदर किनारे टहलते हुए लिखी थी। गीत का मुखड़ा था- ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी।


बदलते वक़्त के साथ भी इस गीत की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है। यह ऐसा बेशक़ीमती गीत है, जिसे सुनकर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आंखें भी नम हो गई थीं। खुद गाते हुए लता मंगेशकर का गला भी रूंध गया था।

इसके अलावा 'आओ बच्चो तुम्हें दिखायें झांकी हिंदुस्तान की... 'दे दी हमें आजादी बिना खड़‌ग बिना ढाल..... 'हम लाये हैं तुफान से कश्ती निकाल के... 'इंसान का इंसान से हो भाईचारा, यही पैगाम हमारा... 'देख तेरे इंसान की हालत क्या हो गयी भगवान'... 'पिंजरे के पंछी रे तेरा दर्द न जाने कोये... 'चल अकेला, चल अकेला, चल अकेला, तेरा मेला पीछे छूटा राही चल अकेला' जैसे कई गीतों के माध्यम से सामान्य जन-मानस में राष्ट्रीय चेतना, नैतिकता व मानवीय मूल्यों को प्रतिपादित करने में अत्यंत सफल कवि प्रदीप को याद किया जाएगा। विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन व कवि प्रदीप फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में उमंग उपक्रम द्वारा खास कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।






Created On :   3 Feb 2025 9:24 PM IST

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